नई दिल्ली, पीटीआइ। फूड मिनिस्ट्री ने CSC e-Governance Services India Ltd (CSC) के साथ एक करार किया है। इसका मकसद यूटिलिटी बिल्स की भुगतान जैसी सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति देकर राशन दुकानों की इनकम में बढ़ोत्तरी करना है। नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत केंद्र सरकार राशन दुकानों के जरिए प्रति व्यक्ति को 1-3 रुपये की अत्यंत रियायती दरों पर हर महीने पांच किलोग्राम अनाज मुहैया कराती है। इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलता है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत काम करने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) ने CSC e-Governance Services India Limited के साथ एक करार किया है।
इस बयान में कहा गया है कि इस समझौता ज्ञापन (MoU) का लक्ष्य फेयर प्राइस शॉप (FPS) डीलर्स के जरिए सीएससी से जुड़ी सेवाओं की डिलिवरी के जरिए राशन दुकानों की आय में बढ़ोत्तरी करना है।
DFPD के सेक्रेटरी सुधांशु पाण्डेय और CSC के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश कुमार त्यागी की उपस्थिति में DFPD की डिप्टी सेक्रेटरी ज्योत्सना गुप्ता और CSC के वाइस प्रेसिडेंट सार्थिक सचदेव ने हस्ताक्षर किए।
इस बयान में कहा गया है, ”सीएससी सर्विस सेंटर के लिए Fair Price Shops (राशन दुकानों) को सक्षम बनाने के लिए CSC को यूटिलिटी बिलों के भुगतान, पैन एप्लीकेशन (PAN Application), पासपोर्ट एप्लीकेशन (Passport Application), इलेक्शन कमीशन सर्विसेज जैसी गतिविधियों को चिह्नित करने को कहागया है। इससे कंज्यूमर्स को फैसिलिटी तो मिलेगी ही, साथ ही राशन दुकानों को अतिरिक्त आय भी मिलेगी।”
सीएससी सर्विसेज की डिलिवरी के लिए डिजिटल सेवा पोर्टल (DSP) का एक्सेस इच्छुक राशन डीलरों को देने के लिए सीएससी राज्य सरकारों के साथ द्विपक्षीय करार करेगा।
बयान में कहा गया है, ”सभी राज्य सरकारों को सीएससी सर्विसेज की डिलिवरी के जरिए राशन दुकानों की आय बढ़ाने और व्यापार की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा गया है।”