हरियाणा के करनाल, यमुनानगर, कैथल, करनाल सहित कई क्षेत्र में सुबह आठ बजे से बारिश का सिलसिला जारी है। रुक-रुककर हुई बरसात ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। मानसून विदाई की ओर है, लेकिन जाते-जाते किसानों को जख्म दे रहा है। बरसात के कारण धान कटाई का काम प्रभावित हो गया है। इस बरसात से खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है। अब तक मानसून के प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो हरियाणा में सामान्य से 21 फीसद अधिक बरसात दर्ज की जा चुकी है। पंचकूला व अंबाला को छोड़कर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या इससे अधिक बरसात दर्ज की जा चुकी है।
इस समय देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण झारखंड और आसपास के इलाकों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक टर्फ रेखा दक्षिण पूर्व झारखंड से तेलंगाना तक उड़ीसा के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही है। मानसून की अक्षीय रेखा जैसलमेर, जोधपुर, गुना, जबलपुर से होते हुए दक्षिण झारखंड पर बने हुए कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए, दीघा और फिर दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। पूर्वी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक टर्फ रेखा जम्मू-कश्मीर से पंजाब और हरियाणा होते हुए पूर्वी राजस्थान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र तक फैली हुई है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तमिलनाडु के दक्षिणी तट पर निचले स्तरों पर बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। आंशिक बादल छा सकते हैं।
प्रदेश में कहां कितने फीसदी बरसात
हरियाणा के पंचकुला में सामान्य से 53 फीसद कम बरसात दर्ज की गई है। अंबाला में सामान्य से 37 फीसद कम हुई है। यमुनानगर में 17 फीसद कम, करनाल में सामान्य से 19 फीसद ज्यादा, कैथल में 70 फीसद ज्यादा, पानीपत में 41, रेवाड़ी में 47, महेंद्रगढ़ में 32, जींद में 31, फतेहाबाद में 73, सिरसा में 20, हिसार में 55, रोहतक में 07, मेवात में सर्वाधिक 324 फीसद अधिक बरसात हुई है। इसी प्रकार सोनीपत में 70, झज्जर में 98, गुरुग्राम में 48, फरीदाबाद में 02, पलवल में 05 फीसद सामान्य से अधिक बरसात हुई है।