International Mutual Fund: आप अगर चाहें तो देश से बाहर भी निवेश कर सकते हैं. इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड के जरिए आप विदेशी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. अगर आप विदेशी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों पर अच्छी से तरह विचार कर लेना चाहिए. निवेश से जुड़े जोखिम और रिटर्न किन चीजों से प्रभावित होता यह जानना जरूरी है.
जोखिम
कोई भी निवेशक पैसा लगाते समय निवेश से जुड़े रिस्क के बारे में जरूर पता करता है.
अगर आप विदेश में निवेश करने जा रहे हैं तो इसमें कई जोखिम हैं. करेंसी रिस्क बहुत अहम है.
मान लें आपने फंड के जरिए किसी अमेरिकी कंपनी में निवेश किया और अगर डॉलर की तुलना में रुपया गिरा तो एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) बढ़ेगी. इसी तरह अगर रुपया मजबूत हुआ तो एनएवी में फिसलन होगी.
राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक हालात
इंटरनेशल फंड में निवेश करते वक्त ध्यान रखें कि जिस फंड में निवेश किया है, उसका प्रदर्शन उस देश की राजनीतिक, आर्थिक या सामाजिक स्थिति पर निभर्र करेगा.
फंड का पैसा जिस देश की कंपनियों में निवेश किया जाएगा, वहां की स्थिति पर पूरी नजर बनाए रखें.
टैक्स
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड का पैसा मुख्य रूप से विदेशी कंपनियों की इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्र्मेंट्स में निवेश किया जाता है.
घरेलू इक्विटी में निवेश न होने के चलते इन्हें इक्विटी फंड नहीं माना जाता है.
ऐसे में टैक्स के लिहाज से इसे डेट फंड के तौर पर माना जाता है.
डेट फंड पर जिस तरह से एलटीसीजी और एसटीसीजी पर टैक्स लगता है, वैसे ही यहां लगता है.
डेट फंड पर 36 महीनों से कम होल्डिंग पर एसटीसीजी होता है और इस पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.
36 महीनों से अधिक की होल्डिंग पर एलटीसीजी होता है और इस पर इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.