आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। ऐसे में पुलिस आतंकी संगठन से जुड़े नेटवर्क को तोड़ने में के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। इसी कड़ी के तहत पुलिस ने जम्मू के विभिन्न होटलों में रहने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए इंटरनेट एप बनाई है। जिसमें होटल में कमरा लेने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी जुटाई जा सकेगी।
होटल में बुकिंग के दौरान यात्री द्वारा दिए गए सरकारी पहचान पत्र की भी जांच की जाएगी। क्या पहचान पत्र फर्जी तो नहीं है? इसके लिए जम्मू पुलिस ने बकायदा एक टीम का गठन किया है। जो पुलिस कंट्रोल रूम जम्मू में बैठकर काम करेगी।
यात्रियों की जानकारी हासिल करने में पुलिस को आती है परेशानी :
मौजूदा समय में जम्मू पुलिस के लिए होटल में ठहरे लोगों की जानकारी जुटाने में काफी परेशानी आती थी। थाना स्तर पर होटल मालिकों एक व्हट्सएप ग्रुप में उनके होटल में बुकिंग करवाने वाले यात्री की जानकारी थाना स्तर पर देते है। इसके अलावा रोजाना शाम को पुलिस कर्मी होटलों में जा कर यात्रियों के बारे में जानकारी एकत्रित करते है। इस जानकारी को वरिष्ठ अधिकारियों को यह डाटा बैंक बना कर भेजा जाता है।
यात्री बन कर होटलों में रहते रहे है आतंकी और ओजीडब्ल्यू : शहर में कई बारे ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके है जिनमें आतंकवादी और उनके लिए काम करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) यात्री बन कर होटल में ठहरते रहे है। इस लिए जम्मू पुलिस होटलों में ठहरने वाले यात्रियों की जानकारी जुटाती है।
ऐसे काम करेगी एप : होटल में जैसे ही यात्री कमरा बुक करवाने के लिए अपनी जानकारी होटल प्रबंधन को देगा तो होटल कर्मियों यह जानकारी पुलिस एप में दे देंगे। एप में यात्री द्वारा दिए गए पहचान पत्र और अन्य जानकारियों को भी उपलब्ध करवाया जाएगा। यह एप्प मोबाइल फोन पर चलेगी। इस एप में अपलोड हुए डाटा को केवल पुलिस अधिकारी ही देख पाएंगे।
यात्रियों का डाटा जुटाने में होगी आसानी : एसएसपी जम्मू चंदन कोहली का कहना है कि आधुनिकता के इस दौर पर जम्मू पुलिस भी सूचना तकनीक का भरपूर प्रयोग कर रही है। जिसके तहत पुलिस ने अब एक नई एप बनाई है। जिसमें होटलों में ठहरे सभी यात्रियों का पुलिस के पास डाटा उपलब्ध होगा। ऐसे में संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी और पुलिस को कार्रवाई करने का समय भी मिल जाएगा।