उदयपुर, संवाद सूत्र। यहां बड़ी स्थित नारायण सेवा संस्थान (Narayan Seva Sansthan) के पुनर्वास केन्द्र के दो बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जबकि अन्य पांच बच्चों को एमबी अस्पताल (MB Hospital) के आईसीयू में भर्ती कराया गया है, इनमें से एक बच्चे की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। बच्चों की मौत का कारण दूषित भोजन करना बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगी। उनके पेट का विसरा सैम्पल के लिए लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार नारायण सेवा संस्थान के उदयपुर शहर से लगभग आठ किलोमीटर बड़ी स्थित पुनर्वास केन्द्र में दो दिन के दौरान दो बच्चों की मौत हुई है। जिसकी पुष्टि उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी ने की है, जो जिला कलक्टर चेतन देवड़ा के साथ बड़ी स्थित संस्थान के विमंदित बाल गृह बुधवार रात पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक दोनों अधिकारी मौके पर हैं। बच्चों की मौत की सूचना मिलते ही बाल कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ चुकी है। दूषित भोजन के चलते मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खराडी के निर्देश पर फूड सैम्पल लिए गए हैं।
डॉ. खराड़ी ने बताया कि बुधवार को एमबी अस्पताल में भर्ती 17 वर्षीय किशोर की मौत की खबर सुनकर सारे मामले की जानकारी ली गई तो पता चला कि किशोर को मंगलवार सुबह उल्टी होने पर एमबी अस्पताल में भर्ती कराया था। सोमवार रात भोजन करने के बाद से उसे उल्टी हो रही थी। जिसे पहले अंबामाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों के हवाले कर दिया। जांच में यह भी पता चला कि एक और बच्चे की इसी तरह सोमवार रात मौत हो गई थी, जबकि उनके साथी पांच बच्चों की हालत भी बिगड़ी हुई है। जिस पर सभी को एमबी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। जांच में पता चला कि बाहरी लोगों के दिए फूड पैकेट खाने से सात बच्चों की तबीयत खराब हुई थी। जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के सक्रिय होने के बाद बाल कल्याण समिति की टीम भी मौके पर पहुंची है। इस घटना के बाद नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं अन्य जिम्मेदार लोगों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं।
सीएमएचओ डॉ. खराड़ी की ओर से जारी बयान में बताया गया कि बड़ी स्थित नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित पुनर्वास केंद्र में 49 बच्चे रहते हैं, जिनमें से सात की फूड पॉइजनिंग से तबीयत बिगड़ी थी। जिनमें से दो की मौत हो गई है। जिनकी उम्र 16 से 17 वर्ष थी। एमबी अस्पताल में भर्ती 5 बच्चों में एक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। पूछताछ के दौरान संस्थान के संचालकों ने बताया कि परोपकार के उद्देश्य से बाहर से आने वाले लोगों द्वारा पका हुआ भोजन बच्चों को खिलाया जाता है जिससे भी फ़ूड पॉइजनिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।