आपको बता दें कि नीट यूजी 2021 की परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की गई थी. परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थियों को सम्मिलित कराने और विभिन्न कोचिंग सेंटर व पेपर सॉल्व कराने वाले गैंग द्वारा हर अभ्यर्थियों से 50 लाख वसूलने के आरोपों के साथ चार लोगों और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
नई दिल्ली. NEET UG 2021: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की यूजी की परीक्षा रद्द करने और दोबारा कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. यह याचिका परीक्षा में सम्मिलित हुए 13 अभ्यर्थियों द्वारा अधिवक्ता ममता शर्मा के माध्यम से दायर की गई है. याचिका के माध्यम से राजस्थान और उत्तर प्रदेश में नीट यूजी 2021 परीक्षा के पेपर लीक होने के कथित मामलों और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई की इन मामलों पर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के मद्देनजर शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है.
आपको बता दें कि नीट यूजी 2021 की परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की गई थी. परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थियों को सम्मिलित कराने और विभिन्न कोचिंग सेंटर व पेपर सॉल्व कराने वाले गैंग द्वारा हर अभ्यर्थियों से 50 लाख वसूलने के आरोपों के साथ चार लोगों और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
इसी को आधार बनाकर यचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि सीबीआई द्वारा रजिस्टर की गई एफआईआर से बड़े कोंचिंग सेंटर और पेपर सॉल्व कराने वाले गैंग के संलिप्तता स्पष्ट होती है और परीक्षा में आपराधिक षडयंत्र के तहत पेपर लीक कराया गया. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि न सिर्फ सीबीआई बल्कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट राज्यों की पुलिस द्वारा भी नीट यूजी 2021 प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक के कथित मामलों को लेकर एफआईआर दर्ज की गयी है.
ऐसे में धोखाधड़ी के साधनों और अनुचित प्रथाओं के उपयोग से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की नीट यूजी 2021 परीक्षा में निष्पक्षता को लेकर सवाल उठते हैं. इसके मद्देनजर याचिका में शीर्ष अदालत से गुहार लगाई गई है कि शिक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को परीक्षा के दौरान बॉयोमीट्रिक जांच, नेटवर्क जैमर, आदि जैसे नकल व अनियमितता रोकने के उपायों को अपनाते हुए सुरक्षा मानकों में सुधार के आदेश दिये जाएं.