नई दिल्ली, आइएएनएस। बिजली संकट के चलते चीन अंधेरे में डूब गया है। राजधानी बीजिंग और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र शंघाई समेत कई दूसरे बड़े शहरों में भारी बिजली कटौती की जा रही है। चीन में कोयले की कीमत आसमान छू रही है और इससे थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन घट गया है। बिजली की कमी से औद्योगिक उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। चीन में बिजली संकट गहराने के साथ ही एशिया और यूरोप समेत दुनिया भर में सप्लाई चेन प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है।
दुनिया भर कंपनियां कच्चे माल समेत अन्य उपकरणों के लिए चीनी कंपनियों पर निर्भर हैं। चीन के स्टेट ग्रिड कार्पोरेशन ने रविवार से बीजिंग के कई क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू करने की बात कही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू हो गई है जिससे कई इलाके अंधेरे में डूब गए हैं। घरों में लोगों मोबाइल टार्च की रोशनी में गुजारा करना पड़ रहा है।
अब तक बिजली कटौती के चलते मोबाइल चार्ज करने पर भी संकट पैदा हो गया है। करीब साढ़े चार करोड़ की आबादी वाले बीजिंग और शंघाई के आवासीय इलाकों में बिजली कटौती की योजना है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से शंघाई से सटे जियांगशु प्रांत में एपल और टेस्ला की सप्लाई पर असर पड़ा है। सप्लायरों से सामान नहीं मिल रहा है। गुआंगडांग प्रांत में जापानी उत्पादकों द्वारा चलाई जा रही फैक्टि्रयों पर भी असर पड़ा है।
बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से कई शहरों में ट्रैफिक लाइटें बंद हो गई हैं और इसके चलते सड़कों पर भारी जाम लग रहा है। पानी की सप्लाई बाधित हुई है। समचार एजेंसी रायटर के मुताबिक बिजली सप्लाई ठप होने से चीन की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हो रहा है। बिजली का संकट पिछले हफ्ते से चला आ रहा है। इसकी मुख्य वजह कोयले की कीमतों में भारी उछाल बताया जा रहा है। इस समय चीन में प्रति टन कोयले की कीमत सर्वाधिक 212.92 डाल (करीब 15,000 रुपये) तक पहुंच गई है।