नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने प्रस्ताव दिया है कि बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिये शेयरों का आवंटन करते समय पब्लिक इश्यू का न्यूनतम मूल्य पांच फीसद अवश्य रखा जाए। इतना ही बाजार नियामक ने गैर संस्थागत निवेशकों (एनआइआइ) का उपवर्गीकरण करने की भी सलाह दी है। सेबी ने इस संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया है, जिस पर लोगों से 20 अक्टूबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
यह सिफारिश तब सामने आई है जब सेबी ने देखा कि जारीकर्ता कंपनियों द्वारा जो प्राइस बैंड दिया जाता है वह बहुत कम होता है। सेबी ने यह भी पूछा है कि क्या पब्लिक इश्यू में न्यूनतम प्राइस बैंड की जरूरत है। अगर ऐसा करना जरूरी है तो यह क्या होना चाहिए। इश्यू आफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स नार्म्स के मुताबिक आइपीओ दो तरीकों से लाया जा सकता है।
एक बुक बिल्डिंग और दूसरा फिक्स्ड प्राइस मेथड के जरिये। बुक बिल्डिंग के जरिये जिन शेयरों का आवंटन किया जाता है, उनका अपर प्राइस बैंड फ्लोर प्राइस से 20 फीसद अधिक नहीं होना चाहिए। सेबी ने गैर संस्थागत निवेशकों (एनआइआइ) को आनुपातिक आवंटन की मौजूदा पद्धति पर भी चिंता व्यक्त की है। नियामक ने जनवरी, 2018 से अप्रैल, 2021 के दौरान ओवरसब्सक्राइब हुए आइपीओ का विश्लेषण किया और पाया कि 29 कंपनियों के आइपीओ में ऐसा हुआ कि एनआइआइ श्रेणी में जिन लोगों ने आवेदन किया था, उनमें से 60 फीसद लोगों को एक भी शेयर का आवंटन नहीं किया गया।
शिकायत और समाधान अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें
स्टाक एक्सचें जसेबी ने कहा है कि सभी स्टाक एक्सचेंज और क्लियरिंग कारपोरेशन अपने खिलाफ मिली शिकायतों और उनके निवारण के आंकड़ों को वेबसाइट पर प्रकाशित करें। इस संबंध में सेबी ने सर्कुलर जारी किया है। यह नियम अगले साल से प्रभावी हो जाएगा। उधर, सेबी ने सोमवार को आदित्य बिड़ला मनी लिमिटेड पर स्टार ब्रोकर नियमों सहित कई बाजार मानदंडों के उल्लंघन के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।