Coronavirus 3rd Wave Update कोरोना की तीसरी लहर का डर बना हुआ है। कुछ विशेषज्ञ अक्टूबर के बाद तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। दो साल से प्रीडेक्टिव माडलिंग (लाजिस्टिक माडलिंग) के जरिये कोरोना के ट्रेंड का आकलन कर रहे क्रिश्चन मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के हेड डा. क्लारेंस जे सैमिउल का कहना है कि पंजाब में नवंबर तक तीसरी लहर आने की कोई संभावना नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना के रोज सामने आ रहे केसों की स्टडी में नंवबर तक तीसरी लहर न आने के कई कारण हैं। पहला यह कि देश में अब तक कोई नया वायरस नहीं आया है। सूबे में 60 फीसद से अधिक आबादी में एंटी बाडी बन चुकी है।
लुधियाना में तो वैक्सीन के बिना ही 18 साल से अधिक उम्र की 60 से 80 फीसद आबादी में एंटी बाडी पाई गई है। मतलब नेचुरल एंटी बाडी बन चुकी है। हर्ड इम्यूनिटी तब बनती है जब बड़े स्तर पर लोगों में वैक्सीनेशन या फिर वायरस की चपेट में आने से इम्यूनिटी विकसित हो जाती है। हर्ड इम्यूनिटी से संक्रमण फैलने में रुकावट आती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद छह महीने तक शरीर में एंटी बाडी रहती है। हर्ड इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है।
सूबे में बड़ी आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। स्टडी में सामने आया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद करीब एक साल तक शरीर में एंटी बाडी बनी रहती है। वैक्सीनेशन से हर्ड इम्यूनिटी और भी बनी रहती है। सूबे में 60 फीसद आबादी को बिना वैक्सीन के हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है। तेजी से लोगों को वैक्सीन लगाने से आगे के लिए भी इम्यूनिटी मिल रही है। जब इम्यूनिटी हाई होती है तब तक संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
सतर्कता अब भी जरूरी
डा. क्लारेंस जे सैमिउल का कहना है कि अब भी सतर्कता जरूरी है। कभी भी कोई नया वायरस सामने आ सकता है। मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन बहुत जरूरी है।