नई दिल्ली, टेक डेस्क। क्या आपको पता है कि जब फ्लाइट या कार से सफर कर रह हैं, वो कितना प्रदूषण फैला रही है। नहीं, लेकिन Google कुछ फीचर्स लेकर आ रहा है। जिसकी मदद आप पता लगा सकेंगे कि आखिर आप जिस फ्लाइट या रास्ते से जा रहे हैं, उससे कितनी मात्रा में प्रदूषण पैदा होगा। दरअसल Google की तरफ से प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है। लेकिन इसका मकसद यह नहीं है कि प्रदूषण ना फैलने की वजह से कोई सफर ना किया जाए। Google का नया फीचर्स आपको बताएगा कि आखिर आपको कौनसा रूट और फ्लाइट लेनी चाहिए, जो कम प्रदूषण जनरेट करती है। ऐसा करके कुछ हद प्रदूषण को कम किया जा सकता है। साथ ही Google की तरफ से कुछ अन्य काम किये जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण उत्सर्जन पर लगाम लगायी जा सकेगी।
कार्बन फ्री फ्लाइट और होटल कर कर सकेंगे पहचान
टेक कंपनी गूगल ने जलवायु संकट को ध्यान में रखकर अपने प्लेटफॉर्म पर एक खास फीचर को जुड़ा है, जिसके तहत यूजर्स को होटल के ऐसे ऑप्शन दिखेंगे, जो कम कार्बन का उत्सर्जन करते हैं। इनमें पर्यावरण प्रमाण पत्र शामिल होगा। अब कई होटल ने इस जानकारी को जोड़ना शुरू कर दिया है। इससे अब दूसरे हॉटल पर भी ऐसा करने के लिए दबाव पड़ रहा है। इसके अलावा यूजर्स को फ्लाइट सर्च रिजल्ट में ज्यादा कार्बन वाली सीट की जानकारी मिलेगी। कंपनी का मानना है कि यूजर्स इसके तहत कम कार्बन गेस वाली सीट का चुनाव आसानी से कर पाएंगे।
Google Map से जुड़ेगा नया फीचर
कार से कार्बन गेस काफी मात्रा में पैदा होती है। इस स्थिति को ध्यान में रखकर गूगल मैप्स में अगले साल एक फीचर जोड़ा जाएगा, जिससे यूजर्स को फ्यूल एफिशिएंट रूट की जानकारी मिलेगी। इससे ईंधन की बचत होगी और पर्यावरण को जरा-सा भी नुकसान नहीं होगा।
बता दें कि मौजूदा वक्त में दुनिया पर जलवायु संकट मंडरा रहा है। इस संकट को ध्यान में रखकर दिग्गज टेक कंपनी Google ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इसके अलावा कई फीचर्स का भी ऐलान किया गया है, जिससे पर्यावरण को बचाया जा सकेगा। Gooogle की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कैलिफोर्निया स्थित कंपनी के कैमपस की कई इमारतों में से एक इमारत की छत पर 50,000 सोलर पैनल लगे हैं, जो 90 प्रतिशत कार्बन-फ्री एनर्जी पैदा करते हैं। सुंदर पिचाई का कहना है कि हम सस्टेनेबिलिटी के लिए वचनबद्ध हैं, जो 23 वर्ष पूर्व हमारी स्थापना के समय से चली आ रही है। हमारा लक्ष्य गूगल को 2030 तक कार्बन-फ्री एनर्जी पर चलाना है।
कंपनी ने आगे कहा है कि हमारे डेटा सेंटर इस समय 67 प्रतिशथ कार्बन-फ्री एनर्जी पर काम करते हैं। इससे पहले 2019 में कंपनी के सेंटर 61 प्रतिशत कार्बन-फ्री एनर्जी पर कार्य करते थे। इसके अलावा गूगल चाहती है कि थर्ड पार्टी कंपनियां सुनिश्चित करें कि वे सस्टेनेबिलिटी के लिए यूजर्स की अपेक्षाओं पर खरी उतरें।
एक दशक से भी अधिक समय से Nest थर्मोस्टैट्स ने लोगों को घर पर ऊर्जा बचाने में काफी सहायता की है। अब हम नेस्ट रिन्यू नामक एक नई सेवा के साथ इन प्रयासों की बदौलत एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहे हैं। एनर्जी शिफ्ट नामक सुविधा के आने से यूजर्स को स्वचालित रूप से हीटिंग और कूलिंग के लिए बिजली के इस्तेमाल को ऐसे समय में स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी, जब एनर्जी क्लियर होगी। कंपनी का कहना है कि इससे हम पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा पाएंगे।