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तालिबान ने वित्त मंत्रालय को स्थानांतरित किए 1.8 करोड़ डालर, पूर्ववर्ती सरकार के अधिकारियों से किए जब्त

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काबुल, एजेंसियां। तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक (दा अफगानिस्तान बैंक) से 1.8 करोड़ डालर (135 करोड़ रुपये) वित्त मंत्रालय को हस्तांतरित किए। खामा प्रेस ने सेंट्रल बैंक की तरफ से जारी बयान के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया, ‘यह राशि काबुल, पंजशीर, खोस्त व लोगर प्रांत की पूर्ववर्ती सरकार के अधिकारियों से जब्त की गई थी। उसने भारी मात्रा में सोना भी जब्त किया गया है।’ इससे पहले, तालिबान ने पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के घर से 6.5 मिलियन से अधिक अमेरिकी डालर और 18 सोने की ईंटें जब्त की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, जब्त किया गया पैसा दा अफगानिस्तान बैंक में रखा गया था। इसे अब वित्त मंत्रालय के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है। बयान के अनुसार, इसमें 1.59 करोड़ से अधिक अमरीकी डालर, 8.61 करोड़ से अधिक एएफएस, 7,450 यूरो, 30,350 भारतीय रुपया और 300 यूएई दिरहम शामिल है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में सोना भी जब्त किया गया है और अब इसे अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक में रखा गया है।

अगस्त में काबुल के अधिग्रहण के बाद कतर में पहली व्यक्तिगत बैठक के दौरान तालिबान ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक भंडार को मुक्त करने का आग्रह किया है। अफगानिस्तान में नई सरकार बनने के बाद दोनों पक्षों ने शनिवार को दोहा में अपनी पहली बैठक की। अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान से अमेरिका के हटने के बाद से दोनों पक्षों के बीच यह पहली व्यक्तिगत बैठक थी।

तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ना चाहते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि एक-दूसरे के साथ अच्छे सकारात्मक संबंध स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। मुत्तकी ने कहा कि हमने अमेरिका को स्पष्ट रूप से कहा कि किसी को भी अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार को कमजोर करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने देश में बढ़ती अनिश्चितता के बीच अफगानिस्तान के लिए फंड को रोक दिया था।  पिछले महीने आइएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अफगानिस्तान की सरकार पर अनिश्चितता के कारण अफगानिस्तान को यह मदद प्रप्त नहीं होगी।

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