नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हम सभी के कुछ ऐसे खर्च होते हैं, जो हर महीने लगभग फिक्स होते हैं। इनमें मोबाइल बिल का भुगतान, बिजली के बिल की पेमेंट, ईएमआई की पेमेंट, एंटरटेनमेंट/ OTT सब्सक्रिप्शन का भुगतान, इंश्योरेंस प्रीमियम भरना, म्यूचुअल फंड निवेश शामिल होते हैं। अब इनका भुगतान आप UPI AUTOPAY के जरिए कर सकते हैं। NPCI की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी UPI एप्लीकेशन के इस्तेमाल के जरिए पांच हजार रुपये तक के रेकरिंग पेमेंट को ई-मैंडेट दे सकता है। हालांकि, अगर राशि 5,000 रुपये से ज्यादा है तो कस्टमर को यूपीआई पिन के जरिए हर बार ट्रांजैक्शन को अप्रुव करना होगा।
इस तरह उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ:
- किसी भी UPI-enabled App पर एक मैंडेट सेक्शन होगा। इसके जरिए ग्राहक ऑटो-डेबिट मैंडेट को क्रिएट, मोडिफाइ या फिर रोक सकते हैं।
- मैंडेट सेक्शन से ग्राहकों को पूर्व में किए गए अपने मैंडेट्स को देखने का ऑप्शन मिल जाता है। इसे वे अपने रेफरेंस या रिकॉर्ड के लिए यूज कर सकते हैं। यूपीआई यूजर्स यूपीआई आईडी, क्यूआर स्कैन या इंटेंट के जरिए ई-मैंडेट दे सकते हैं।
- ग्राहकों के रेकरिंग पेमेंट को ध्यान में रखकर ऑटो-डेबिट मैंडेट का पैटर्न क्रिएट किया गया है। कोई भी व्यक्ति एक बार के लिए, डेली, वीकली, हर पंद्रह दिन पर, मासिक, द्विमासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर ट्रांजैक्शन के लिए मैंडेट दे सकता है।
- इस फैसिलिटी से आम यूजर्स के साथ मर्चेंट्स को काफी फायदा होगा क्योंकि ये मैंडेट तत्काल जेनरेट होते हैं और अधिकृत तारीख पर पेमेंट खुद-ब-खुद अकाउंट से कट जाता है।
- 5,000 रुपये से नीचे के रेकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए ग्राहकों को एक बार अपने अकाउंट से यूपीआई पिन के जरिए ऑथेंटिकेशन करना होता है। इसके बाद के पेमेंट खुद-ब-खुद कट जाएंगे।
BHIM UPI पर आप इस तरह सेट कर सकते हैं UPI AUTOPAY
- BHIM UPI App पर लॉग इन कीजिए।
- Auto Debit पर क्लिक कीजिए।
- अब मैंडेट पर क्लिक कीजिए।
- मैनेज मैंडेट पर क्लिक कीजिए (नया मैंडेट क्रिएट कीजिए या पुराने मैंडेंट को देखिए)
- पेमेंट कब-कब करना है, इसका चुनाव कीजिए (मासिक, साप्ताहिक या सालाना आधार पर)
- मर्चेंट का नाम ऐड कीजिए और इसके बाद ऑटो डेबिट की तारीख चुनिए।
- अब ‘Proceed’ पर क्लिक कीजिए।
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