इनकम टैक्स पोर्टल पर टैक्सपेयर के रजिस्टर्ड अकाउंट से जमा किये गये इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) के जरिये प्रमाणित माना जाता है.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स विभाग की ओर से पिछले साल शुरू की गई Faceless Assessment Scheme यानी फेसलेस आकलन योजना के तहत जमा किये जाने वाले ई-रिकार्ड के ऑथेंटिकेशन रूल्स यानी सत्यापन नियमों को वित्त मंत्रालय ने अब और भी आसान बना दिया है. अब इनकम टैक्स पोर्टल पर करदाताओं के रजिस्टर्ड खाते से जमा किये गये इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये प्रमाणित माना जाएगा.
क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC)
बता दें कि 2015 में विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) पेश किया था, जो 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है जिसे आप अपना रिटर्न जमा करने के बाद जनरेट करते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग प्रक्रिया आपके आयकर रिटर्न के सफल ई-सत्यापन के बाद ही पूरी होती है.
आयकर रिटर्न को वेरिफाई करने के तरीके
आप अपने ITR को ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी वेरिफाई करवा सकते हैं. एक बार जब आपका आईटीआर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपलोड हो जाता है तो आईटी विभाग आपको अपना आईटीआर वेरिफाई कराने के लिए 120 दिन का समय देता है. अगर इतने दिन के भीतर इसे पूरा नहीं किया जाता तो आईटी कानूनों के अनुसार आपकी टैक्स फाइलिंग अमान्य हो जाएगी.
कैसे करें ITR वेरिफाई
>> ई-सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘ई-वेरिफाई रिटर्न’ क्विक लिंक पर क्लिक करें.
>> इसके बाद पैन, असेसमेंट ईयर आदि जैसे जरूरी जानकारी भरें.
>> अब ‘ई-वेरिफाई’ पर क्लिक करें.
>> इसके बाद आपको अपना ई-वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी) जेनरेट हो जाएगा.
इन 4 ऑप्शन का कर सकते हैं यूज
1. बैंक खाता
2. नेट-बैंकिंग
3. आधार कार्ड
4. डीमैट अकाउंट
टैक्सपेयर इन 4 ऑप्शन का यूज कर ई-सत्यापन कर सकता है. आप https://www.incometax.gov.in वेबसाइट पर जाकर बाकी डिटेल चेक कर सकते हैं.