नयी दिल्ली, पीटीआइ। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) के चिंतित ग्राहकों को पहले चरण में पांच लाख रुपये तक का बीमा कवर नहीं मिलेगा। इसकी वजह है कि यह बैंक अभी समाधान प्रक्रिया में है।
जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) पहली खेप में पीएमसी बैंक को छोड़ कर समाधान प्रक्रिया से गुजर रहे 20 बैंकों के ग्राहकों को भुगतान करेगा। पहले चरण में भुगतान के लिए 90 दिनों की अनिवार्य अवधि 30 नवंबर को समाप्त होगी।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून में सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज और वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की स्टार्टअप भारतपे के गठजोड़ को संकट में फंसे पीएमसी बैंक के अधिग्रहण की अनुमति दी थी।
इस अधिग्रहण का रास्ता साफ करते हुए रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में वित्तीय सेवा कंपनी के गठजोड़ को लघु वित्त बैंक का लाइसेंस दिया था। डीआईसीजीसी ने हाल में कहा था कि जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा 18 ए (7) (ए) के प्रावधानों को लागू करने की आवश्यकता हो सकती है। इन प्रावधानों के तहत यदि कोई बैंक समाधान प्रक्रिया के अधीन है, तो पांच लाख रुपये के भुगतान की अवधि को 90 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
सितंबर 2019 में RBI ने PMC बैंक के बोर्ड को अलग कर दिया था और कुछ वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाने रियल एस्टेट डेवलपर HDIL को दिए गए कर्जों को छिपाने और गलत तरीके से रिपोर्ट करने के बाद इसे विभिन्न नियामक प्रतिबंधों के तहत रखा था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने इन संकटग्रस्त बैंकों से जमा की निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था। 20 बैंकों में से 10 महाराष्ट्र से, पांच कर्नाटक से और एक-एक उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब से हैं।