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किसानों को अब फसल नुकसान पर मिलेगा ज्‍यादा हर्जाना, सरकार ने बढ़ाई मुआवजे की रकम

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नई दिल्‍ली, पीटीआइ। हरियाणा सरकार ने मौसम की अनिश्चितता से फसल को हुए नुकसान के लिए किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए 75 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति के लिए दी जाने वाली मुआवजा रकम 12,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है।

खट्टर ने कहा कि एक अन्य स्लैब के लिए, पहले दिए जाने वाले 10,000 रुपये के मुआवजे को भी बढ़ाकर अब 12,500 रुपये कर दिया गया है, जबकि शेष स्लैब (10,000 रुपये से कम मुआवजे की राशि) के लिए 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करनाल में 263 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आधुनिक सहकारी चीनी मिल के उद्घाटन के दौरान की।

खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार पूरे देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि कुछ साल से इस रकम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी, इसलिए इसे और बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपनी फसल का बीमा कराने का आह्वान किया। जिन किसानों के पास 5 एकड़ से ज्‍यादा जमीन है, उन्हें फसल का बीमा खुद कराना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 11 सहकारी चीनी मिले हैं। इन चीनी मिलों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इन मिलों में बिजली उत्पादन संयंत्र और एथनॉल संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी करना सरकार का मुख्य लक्ष्य है। उन्‍होंने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की। इस बीच, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनकी पार्टी जेजेपी हरियाणा में भाजपा की गठबंधन सहयोगी है, ने फसल क्षति के लिए मुआवजे की रकम बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले को एक स्वागतयोग्य कदम बताया। चौटाला ने कहा कि किसानों की मांग पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने धान, गेहूं, गन्ना और कपास की फसल को 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर मुआवजा रकम बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ करने का निर्णय लिया है।

धान खरीद के बारे में चौटाला ने कहा कि दिवाली त्योहार के कारण कुछ दिनों के लिए खरीद रोक दी गई थी, लेकिन 8 नवंबर से यह फिर से शुरू हो गई है और 15 नवंबर तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जहां 2 नवंबर 2020 तक 50.30 लाख टन धान की खरीद की गई थी, वहीं इस वर्ष की समान अवधि में 51.50 लाख टन की खरीद की गई है। विभिन्न एजेंसियों द्वारा धान खरीद कर अब तक किसानों के खातों में 8,900 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।

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