नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई बार हमें अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेने की जरूरत पड़ती है। लोन लेते वक्त बैंक के द्वारा हमारा क्रेडिट स्कोर जरूर चेक किया जाता है। आम तौर पर 750 या उससे ज्यादा का क्रेडिट स्कोर बेहतर माना जाता है। ऐसा क्रेडिट स्कोर रखने वाले व्यक्तियों को बैंक अधिक साख वाला व्यक्ति मानते हैं। साथ ही ऐसे लोगों को लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी बेहद आसानी से हासिल हो जाती हैं।
पिछले कुछ दिनों में कई बैंकों ने अपने लोन आवेदकों के लिए ब्याज दरों को निर्धारित करते समय क्रेडिट स्कोर को अपने जोखिम-आधारित मूल्य निर्धारण अभ्यास के हिस्से के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है। जिस वजह से, ज्यादा क्रेडिट स्कोर वाले लोगों के पास कम ब्याज दर पर लोन मिलने की अधिक संभावना होती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो आप इसे बेहतर भी बना सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जिनके जरिए क्रेडिट स्कोर को सही किया जा सकता है।
लोन की रकम का भुगतान करना
क्रेडिट स्कोर को कैल्कुलेट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी पात्रताओं में से, सबसे जरूरी लोन और क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान करने को माना जाता है। इसलिए, आप क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि और ईएमआई के समय पर भुगतान से अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त कुल लोन सीमा का अनुपात होता है। इसे 30 फीसद के अंदर ही रखने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि इससे ज्यादा होने से ऐसा लगता है कि, व्यक्ति काफी ज्यादा क्रेडिट लेना चाहता है और इस तरह, यह क्रेडिट स्कोर को कम कर देता है।
क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम का पूरा भुगतान करना
अगर आप अधिकतर जगहों पर भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, तो आपको यह कोशिश करना चाहिए कि आप अपने क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम का समय पर भुगतान करें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा साथ ही, आपके भुगतान पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगेगा। अगर आप एक बार में ही क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं तो, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यूनतम देय राशि से अधिक का भुगतान किया जाय।
कई सारे लोन और क्रेडिट कार्ड लेने से बचना
आपको कई तरह के लोन और क्रेडिट कार्ड लेने से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि इस तरह की प्रवित्ति से आपके ऊपर EMI का बोझ पड़ता है, जिस वजह से भी आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है।