नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। कोविड के बाद एक बार फिर से विकास का पहिया तेजी से घूमने लगा है। इसमें एसएमई (लघु मध्यम उद्योग इंडस्ट्री) कारोबारियों की सबसे बड़ी भूमिका है। लघु और मध्यम उद्योग पूंजी और आकार में छोटे होने के बावजूद प्रभावशाली होते हैं। ये बड़ी तादाद में रोजगार सृजन का माध्यम होते हैं। इसीलिए इन्हें भारतीय इकोनॉमी की रीढ़ माना जाता है। कोरोना महामारी के दौर में इन कारोबारियों ने हौसले और हिम्मत की मिसाल पेश की है। साथ ही नई तकनीक से अपने कारोबार को गति प्रदान की।
फेसबुक इंडिया (Facebook India) की लघु और मध्यम कारोबार की निदेशक अर्चना वोहरा ने जागरण न्यू मीडिया से बातचीत में कहा कि स्मॉल बिजनेस भारत की इकोनॉमी के विकास के इंजन हैं और मेटा उनके लिए विकास के अवसरों को अनलॉक करने में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वह कहती हैं कि फेसबुक और इंस्टाग्राम की वजह से इन कारोबारियों की ग्लोबल पहुंच बढ़ रही है। 30 करोड़ से अधिक लोग फेसबुक पर किसी भारतीय स्मॉल बिजनेस पेज को लाइक या फॉलो करते हैं। जीएफके-फेसबुक के ऑनलाइन सर्वे में सामने आया कि 96 फीसदी नए बिजनेस ऑनलाइन शुरू हुए। इनमें से 83 फीसदी बिजनेस फेसबुक के साथ शुरू हुए।
मौजूदा समय में लघु मध्यम कारोबारियों के लिए फेसबुक इंडिया की योजनाओं, कारोबार की बदलती परिस्थितियों और एसएमबी कारोबारियों के लिए मौजूद नए अवसरों पर अर्चना वोहरा ने और भी बातें बताईं।
कोरोना के बाद बढ़ी है डिजिटल खरीदारी
कोरोना के दौर के बाद से पूरी दुनिया में चीजें बदली हैं। कोविड के बाद रिकवरी तेजी से लौटी है। इसे आप भी महसूस कर सकते हैं। कोविड के बाद से दुकान पर जाकर सामान खरीदने की बजाए डिजिटल खरीदारी बढ़ी है। ये बदलाव छोटे और बड़े सभी तरह के शहरों और कस्बों में देखा गया है। दुनिया में 300 मिलियन बिजनेस या तो भारत के बिजनेस पेज को या तो फॉलो करते हैं या लाइक करते हैं। पिछले तीन महीने में 1.2 मिलियन पोस्ट इंस्टाग्राम में हुई है जिसमें भारत के छोटे बिजनेस को सपोर्ट किया है। भारत में इंस्टाग्राम पर आधे मिलियन से अधिक छोटे कारोबारियों ने या तो वाट्सअप नंबर या फोन नंबर या बायो में ईमेल लिस्टेड किया है। इससे अलावा ये कारोबारी अपने संभावित ग्राहकों को संपर्क करने के लिए डायरेक्ट मैसेज करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
पेज बनाएं तो कस्टमर मिलेंगे और रीच बढ़ेगी
शुरुआत में फेसबुक की ओर से कहा जा रहा था कि fb पर आएं, पेज बनाएं और ज्यादा ऑर्डर पाएं। लेकिन आज कहा जा रहा है कि आएं, पेज बनाएं, नए कस्टमर मिलेंगे, रीच बढ़ेगी, ट्रांजेक्शन होगा और वो ट्रांजेक्शन एंड टू एंड होगा जिसे डिस्कवरी टू डिमांड कहा जा रहा है। ये आप मेटा के पेज पर कर सकते हैं। इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि क्या फेसबुक पर पेज बना कर अपना बिजनेस बढ़ाया जा सकता है। तो आपको ये पता होना चाहिए कि फेसबुक का 3.6 बिलियन यूजर्स फेसबुक के ऐप को हर महीने इस्तेमाल करते हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो 434 मिलियन लोग हर रोज फेसबुक के ऐप का इस्तेमाल करते हैं। दुनिया में 200 मिलियन छोटे बिजनेस फेसबुक के platform का इस्तेमाल फेसबुक, इंस्टाग्राम और WhatsApp पर करते हैं। लगभग आधा बिलियन बिजनेस ने अपने इंस्ट्राग्राम के प्रोफाइल में अपना कांटेक्ट डिटेल दिया है। आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हों आप तक इन कंपनियों के उत्पाद पहुंच जाएंगे।
छोटे कारोबारियों के लिए फेसबुक के कई प्रोग्राम
फेसबुक ने कई प्रोग्राम ऐसे शुरू किए हैं जिससे ग्राहकों और कारोबारियों को फायदा मिला है। हर कारोबारी की जरूरत एक जैसी नहीं होती है। इसका ध्यान रखते हुए फेसबुक ने कई प्रोग्राम शुरू किए हैं। ग्रो योर बिजनेस सम्मिट में एसएमई हब लांच किया गया है। अगर आप फेसबुक के कस्टमर हैं तो आप बिजनेस के किसी भी पेज में हों आपको यहां पता चलेगा कि आपको आगे क्या करना है। ग्रो योर बिजनेस प्ले बुक से आप जान सकते हैं कि आप अपना क्रिएटिव कैसे बनाएं, इससे एसएमई इंडस्ट्री को काफी फायदा मिल रहा है। मैनेज पार्टनर प्रोग्राम में स्केल और प्रॉफिटेबिल्टी का आंकलन करना सिखाया जाता है। वेंचर कैपटिलिस्ट एमएमई प्रोग्राम है। इसके जरिए आप फेसबुक की मदद से अपने कारोबार के लिए कैपिटल जुटा सकते हैं।
सब्सिडी और लोन का फायदा
कोविड के दौरान फंड की कमी को देखते हुए अगस्त में एमएमई लोन इनिशिएटिव दो सौ से अधिक सिटी में इस प्रोग्राम का फायदा मिलता है। फेसबुक के पार्टनर के साथ लोन के लिए अप्लाई करने पर उन्हें वाजिब ब्याज पर लोन मिलेगा। इस स्कीम के तहत उन्हें 0 .2 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही फेसबुक के कॉल सेंटर की मदद मिलेगी जिसके जरिए उन्हें अपने लोन के स्टेटस का पता लग सकता है।
इंटरनेट आज की जरूरत
पिछले एक साल में फेसबुक ने कई प्रयास किए हैं। पिछले कुछ समय में दुनिया काफी बदल चुकी है। आज इंटरनेट दूसरा विकल्प नहीं है। बिजनेस के लिए इंटरनेट जरूरत बन चुका है। अब जरूरी हो गया है कि आपको अपना बिजनेस बढ़ाना है तो आपको इंटरनेट पर एक्टिव होना होगा। बहुत से छोटे कारोबारियों ने इंटरनेट के जरिए या फेसबुक और वाट्सऐप के जरिए अपने कारोबार को काफी बढ़ाया है। अब बिजनेस ग्लोबल हो चुके हैं। अब दुकान पर ज्यादा ग्राहक आने की बजाए ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने का प्रयास हो रहा है। इंटरनेट ने छोटे कारोबारियों को ये बड़ी सुविधा दी है।
इस बात का रखें ध्यान
सभी को ये ध्यान रखना होगा कि ऐसा नहीं है कि फेसबुक पर पेज बनाते ही आपके पास ऑर्डर की लाइन लग जाएगी। ये एक लर्निंग जर्नी है। आप कारोबार करने के साथ बहुत कुछ सीखते हैं और पहले से बेहतर होते जाते हैं।
मिलते हैं कई फायदे
फेसबुक की डेलायट के साथ हाल ही में की गई एक रिसर्च रिपोर्ट में सामने आया कि 80 फीसदी कारोबारियों का मानना है कि फेसबुक ने उनके कारोबार को ज्यादा प्रतिस्पर्द्धी बनाया है। वहीं 80 फीसदी से ज्यादा कारोबारियों ने माना कि फेसबुक पर पोस्ट करने पर उनका कस्टमर बेस बढ़ता है और विज्ञापन पर होने वाला खर्च कम हो जाता है। इसके चलते रिटर्न ऑन इंवेस्टमेंट बेहतर हो जाता है।
फेसबुक का लोकल टू ग्लोबल इनिशिएटिव
15 मिलियन बिजनेस whatsapp पर हैं भारत में। फेसबुक के बहुत से प्रोग्राम भारत के कारोबारियों की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। आप इसे लोकल टू ग्लोबल इनिशिएटिव कह सकते हैं। भारत के छोटे कारोबारियों को जैसी भी सुविधाएं या स्किल चाहिए, फेसबुक सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने को तैयार है।
ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाना हो तो इन बातों का रखें ध्यान
– फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पेज बनाएं।
– विज्ञापन पर छोटे बजट से टेस्ट करें की आपकी रीच कितने में आ रही हैं।
– फेसबुक, इंस्टा और whatsapp तीनों का इस्तेमाल करें।
– आप लगातार देखें की आपका कैंपेन कितना इफेक्टिव है तभी आपको अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
– पर्सनलाइज ऐड की सुविधा का भरपूर फायदा उठाएं। आप उन्हीं को टारगेट करें जो आपके भविष्य के ग्राहक हो सकते हैं।
– अपना मकसद स्पष्ट रखें।