अमृतसर, जेएनएन। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का अपनी ही पार्टी की चरणजीत सिंह सरकार पर हमला जारी है। वह आज फिर बेअदबी और नशे को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर दिखे। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने और सीएम बदलने के बाद नया सीएम बनने का आधार भी यही दो मुद्दे थे। इस मामले को मुखर रखना मेरा फर्ज भी है और धर्म भी। इसके साथ ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंंने कहा कि पूर्व प्रधान आजकल जोर शोर से इन मुद्दों पर ट्वीट कर रहे हैं, जबकि पहले उन्होंने इसे कभी नहीं उठाया। इसका जाखड़ ने भी शायराना अंदाज में जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि नशे के मुद्दे पर बाबत हाई कोर्ट द्वारा तीन बार निर्देश दिए जा चुके हैं। 2021 में हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि नशा माफिया को राजनीतिक संरक्षण है और कार्रवाई सिर्फ छोटी मछलियों पर ही हो रही है। जब ट्रामाडोल की 12 लाख गोलियां पकड़ी गई तब भी हाईकोर्ट ने कहा था कि जानबूझकर राजनीतिक लोग ड्रग माफिया को संरक्षण देकर रखते हैं। एनडीपीएस की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि ड्रग से संबंधित क्राइम में पंजाब देश में नंबर एक पर है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम लिए बिना सिद्धू ने कहा कि जो व्यक्ति चार हफ्ते में नशा खत्म करने का दावा करते थे, यह उसकी हकीकत है। सबसे पहले ईडी ने नवंबर 2017 में हाई कोर्ट के निर्देश पर नशे की रिपोर्ट एसटीएफ को सुपुर्द की गई। फरवरी 2018 मे एसटीएफ की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दायर की गई। दोनों बार हाई कोर्ट का निर्देश है कि कानून को मद्देनजर रखते हुए कार्रवाई की जाए। यह समझ नहीं आ रही कि हमें क्या दिक्कत है। किसका भय है और कौन रोक रहा है रिपोर्ट पेश करने को।
सिद्धू ने कहा कि बेअदबी पर कार्रवाई कैसे हो सकती है जब मुख्य आरोपी सुमेध सिंह सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलवा दी जाए। लोग पूछ रहे हैं कि इसमें सरकार की क्या मंशा है। जब सैनी को ब्लैंकड बेल मिल गई तो सवाल उठाता है कि क्या सरकार ने एसएलपी डाली। ब्लैंकेट बेल मिले तीन महीने हो गए हैं, अगर इस दौरान सरकार ने एसएलपी डाली होती तो लगता कि सरकार के इसको लेकर गंभीर है।
यह पूछे जाने पर क्या बतौर प्रधान आप की सुनवाई नहीं हो रही, सिद्धू ने कहा कि बिजली और रेत वाला मामला भी उन्होंने रखा था, कार्रवाई हुई है। मैं तो खुद कह रहा हूं कि हमें लोगों के बीच जाना है और नई सरकार को बने भी 70 दिन हो गए है। उन्होंने ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो पहले प्रधान थे वे बड़े जोर शोर से ट्वीट आजकल डालते हैं। उन्होंने तो कभी यह मामले नहीं उठाए। आज आप लोगों के बीच जाकर देखो यह बहुत ही बड़े मुद्दे हैं। यह जांच तब तक पूरी नहीं होगी जब तक ब्लैंकेट बेड टूटेगी नहीं।
कैप्टन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनके यह दिन आ गए हैं कि पटियाला के मेयर को बचाते फिर रहे हैं। रोंदू बच्चा है। पहले कैप्टन ही सीएम और गृहमंत्री थे, अब तो हमारे पास दोधारी तलवार है। एक तरफ चन्नी है और दूसरी तरफ गृहमंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा हैं, तो वे इनके भेद खोलें। जब तक सांस है तब तक आस है।
बाद में सिद्धू के हमले का सुनील जाखड़ ने भी जवाब दिया और एक शेर कर सिद्धू के वीडियो को ट्वीट कर लिखा है- ‘बुत हम को कहे काफ़िर, अल्लाह की मर्जी है
सूरज में लगे धब्बा, फ़ितरत के करिश्में हैं I
बरकत जो नहीं होती, नीयत की खराबी है।’
दूसरी ओर सिद्धू ने किसानों के संघर्ष की दृढ़ता को सामाजिक आंदोलन करार देते हुए शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सरकार को झुकाते हुए बताया कि लोकतंत्र की ताकत क्या होती है। पगड़ी संभाल जता आंदोलन के बाद इस संघर्ष को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। कोई सियासी नेता इस संघर्ष का क्रेडिट ना ले। इसकी असली जीत कब होगी, जिस दिन यह सामाजिक आंदोलन किसानों की आर्थिक ताकत बनेगा।