करनाल, जागरण संवाददाता। लाठीचार्ज प्रकरण के बाद एक बार फिर से करनाल का बसताड़ा टोल प्लाजा चर्चा में हैं। इस बार तो यहां का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस पर लोग चर्चा भी कर रहे है। आंदोलनकारी जश्न मना रहे हैं, ठुमके लगा रहे हैं। इस जश्न में डांसर भी मौजूद है। वीडियो वायरल होने के बाद से किसान नेता भी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे आंदोलनकारियों के बीच खुशी मनाने के नाम पर डांसरों को नचाने का वीडियो रविवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल होता रहा। इसे लेकर दिनभर चर्चाओं का दौर भी जारी रहा। हालांकि आंदोलनकारी इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं।
बता दें कि जिले के बसताड़ा टोल पर आंदोलनकारियों ने पराली पर कानून वापस लेने की खुशी में शनिवार को कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें उन्होंने मिठाई बांटी व रागिनी कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में पंजाबी, हिंदी व हरियाणवी गानों की धूम मची तो आयोजकों ने कलाकारों से डांस भी करवाया। मौके पर मौजूद आंदोलनकारियों ने जोश के साथ जश्न मनाया और ठुमकों पर ठहाके भी लगाए। बताया जा रहा है कि इस दौरान पेशकश पर नोट भी बरसाए गए।
रविवार को इस आयोजन के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए तो इस बात की शहर में खूब चर्चा हुई कि खुशी मनाने का कार्यक्रम रागिनी और अन्य लोक प्रस्तुतियों तक तो ठीक था, पर हाईवे पर युवतियों से ठुमके लगवाना कहीं न कहीं उचित संदेश नहीं देता है। दूसरी ओर इस मसले पर पूछे जाने को लेकर फिलहाल आंदोलनकारियों की ओर से खुलकर कुछ नहीं कहा जा रहा है। उनसे इस संबंध में संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया
इस वजह से चर्चा में रहा था ये आंदोलन
सीएम के पहुंचने पर किसानों की ओर से विरोध जताने के दौरान लाठीचार्ज हुआ था। इसके बाद किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर दिया था। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव भी आए थे।