गोरखपुर में रिंग रोड पर नया गोरखपुर विकसित करने की दिशा में प्रशासन ने एक और कदम बढ़ाया है। अब कालेसर जीरो प्वाइंट के आसपास व्यावसायिक व आवासीय कालोनियां बनाने की तैयारी हो रही है। गोरखपुर के कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक में गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि कालेसर जीरो प्वाइंट के पास सेक्टर 11 में आवासीय एवं व्यावसायिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 70 एकड़ क्षेत्रफल में विकास कार्य होंगे। इसके लिए नियुक्त कंसलटेंसी फर्म ने तलपट मानचित्र गीडा में जमा कर दिया है। जल्द ही विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गीडा क्षेत्र में कामन एंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) स्थापित करने के लिए 92.34 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को भेजा जा चुका है।
मंडलायुक्त ने रोका उपायुक्त उद्योग का वेतन
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में कुशीनगर की धीमी प्रगति पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताते हुए वहां के उपायुक्त उद्याेग सतीश कुमार का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। बैठक में मंडलायुक्त को बताया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत मंडल का लक्ष्य 312 है जबकि इसके सापेक्ष 285 आवेदन बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। 161 लोगों को ऋण वितरित किया गया है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 311 का लक्ष्य है और इसके सापेक्ष 218 आवेदन स्वीकृत हुए हैं। अभी तक 138 को ऋण वितरित किया गया है। मंडलायुक्त ने बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय से सरकारी योजनाओं से जुड़ी पत्रावलियों का निस्तारण किया जाए। इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
जल्द शुरू होगा फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण जल्द शुरू हो सकेगा। गीडा सीईओ ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार से पास हो चुका है और केंद्र सरकार को भेजा गया है। मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने बताया कि यह शासन की प्राथमिकता वाली योजना है, इसे जल्द पूरा कर लिया जाए।
दूर की जाएं समस्याएं
बैठक में उद्यमियों ने गीडा क्षेत्र की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। बिजली से जुड़ी समस्या पर अधिकारियों ने बताया कि जर्जर तारों को ठीक करा दिया गया है। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल ने कहा कि गीडा सेक्टर 13 और 15 में नेशनल हाइवे के डिवाइडर पर काफी संख्या में कट हैं, जिसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।