Surya Grahan 2021: 4 दिसंबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। यह सूर्य ग्रहण विश्व के कई देशों में नजर आने वाला है। खासकर अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण 10 बजकर 59 मिनट से शुरु होकर दोपहर के 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा। दोपहर काल में पूर्ण सूर्य ग्रहण रहने वाला है। सनातन धर्म में ग्रहण के दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। इस समय राहु और केतु की बुरी छाया पृथ्वी पर रहती है। ज्योतिषों की मानें तो राहु-केतु की बुरी दृष्टि के चलते बने काम भी बिगड़ जाते हैं। अत: ग्रहण के समय ईश्वर का ध्यान और सुमरन करना चाहिए। वहीं, ग्रहण के दौरान मंत्र जाप का विधान है। इससे साधक की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। आइए, मंत्रों के बारे में जानते हैं-
वहीं, सूर्य ग्रहण के दौरान राहु-केतु की बुरी दृष्टि से बचने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
1.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते,
अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
2.
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3.
“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
यह मंत्र बुरी शक्तियों का नाश करने वाला है। इस मंत्र में ईश्वर से ग्रहण काल से रक्षा करने की याचना की जाती है। अतः सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जरूर जाप करें।
4.
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
इस मंत्र के जाप से ग्रहण के दौरान व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसके जप से आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। अगर शत्रु का दमन करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें।
5.
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
धार्मिक मान्यता है कि अगर राशि में राहु-केतु की बुरी दृष्टि पर जाए, तो उसके जीवन में अस्थिरता आ जाती है। ग्रहण के दौरान राहु-केतु की बुरी दृष्टि रहती है। राहु-केतु के कुप्रभाव से बचाव के लिए इस मंत्र का जरूर जाप करें। इस मंत्र के जरिए राहु और केतु का आह्वान कर उनसे शांति प्रदान करने की कामना की जाती है।
6.
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इससे धन की प्राप्ति होती है। इसके लिए ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें।