2017 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से समझौता कर 311 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि सहयोगी कांग्रेस ने 114 सीटों पर किस्मत आजमाया था. चुनाव में सपा को केवल 47 सीटें ही मिली थी, वहीं कांग्रेस केवल 7 सीटें ही जीत पाई थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Eleciton 2022) के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है और इसके लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने मोर्चा अपने हाथ में लिया है. यूपी चुनाव में महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने का ऐलान कर चुकीं प्रियंका गांधी ने बुधवार को एक बड़ा दांव चला और महिलाओं के लिए अलग घोषणा पत्र (Congress Manifesto for UP Election) जारी किया. प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की.
‘महिलाओं की आवाज का प्रतिबिम्ब है घोषणापत्र’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा, ‘पिछले कई महीने में उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश भर की महिलाओं से सलाह-मशविरा किया और उनके लिए एक नई राह बनाने का खाका तैयार किया. शक्ति विधान गृहणियों, कॉलेज की लड़कियों, आशा और आंगनबाड़ी बहनों, स्वयं-सहायता समूह की बहनों, शिक्षिकाओं और प्रोफेशनल महिलाओं की आवाज का प्रतिबिम्ब है.’ उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘महिलाएं अब अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं. इसलिए हमने महिला घोषणापत्र बनाया है. इसके छह हिस्से हैं: स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत.’
मुफ्त सिलेंडर और फ्री बस यात्रा
प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की मेरी प्रिय बहनों, आपका हर दिन संघर्षों से भरा है. कांग्रेस पार्टी ने उसको समझते हुए आपके लिए अलग से एक महिला घोषणा पत्र तैयार किया है. कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर सालाना भरे हुए 3 सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे. प्रदेश की सरकारी बसों में महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त होगी.’ उन्होंने आगे कहा, ग्रेजुएशन में पढ़ने वाली लड़कियों को स्कूटी मिलेगी. परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिए एक एफडी बनवाई जाएगी. हमने पुलिस बल में 25 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी देने की घोषणा की है.
महिला घोषणापत्र को 6 हिस्सों में बांटा है: प्रियंका वाड्रा
स्वाभिमान- 40 प्रतिशत हिस्सेदारी से शुरुआत की है और आगे चलकर हम इसे 50 फीसदी करना चाहते हैं. संसद और विधान सभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 प्रतिशत से कम है. जब 40 फीसदी चुनाव लड़ेंगी तो ये बढ़ेगा.
स्वावलंबन- नए सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के मुताबिक 40 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी देंगे. 20 लाख नौकरियों के वादे में से 8 लाख नौकरियां महिलाओं को देंगे. राज्य में राशन की 50 फीसदी दुकानें महिलाएं चलाएंगी.
शिक्षा- 12वीं क्लास की छात्राओं को स्मार्टफोन दिया जाएगा. यह शिक्षा और सुरक्षा का माध्यम बन गया है. स्नातक छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी. राज्य भर में वीरांगनाओं के नाम पर दक्षता विद्यालय खोले जाएंगे. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का 60 फीसदी बजट सिर्फ विज्ञापनों में खर्च किया गया है.
सम्मान- घरेलू क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काम किया जाएगा. घरेलू काम महिलाएं 5 घंटे करती हैं, जबकि पुरुष सिर्फ डेढ़ घंटे करते हैं.
सुरक्षा- यूपी में महिलाओं की सुरक्षा के क्या हालात हैं, ये सभी को पता है. यूपी में प्रशासन और पुलिस अपराधियों की मदद करते हैं. अपराधी ज्यादातर सत्ताधारी होते हैं. पुलिस बल में 25 फीसदी महिलाओं को नौकरी देंगे और हर थाने में महिला कॉन्स्टेबल की नियुक्ति होगी. रेप जैसे मामले में अगर 10 दिन में कार्रवाई ना हों तो हम पुलिस अधिकारी को निलंबित करेंगे. महिला सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा प्राप्त आयोग का गठन किया जाएगा, जिसमें 6 महिलाएं होंगी.
सेहत- राज्य की महिलाओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए 10 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त किया जाएगा. इसमें कोई भी बीमारी हो.
2017 विधान सभा चुनाव में कांग्रेस-सपा थी साथ
2017 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से समझौता कर 311 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि सहयोगी कांग्रेस ने 114 सीटों पर किस्मत आजमाया था. चुनाव में सपा को केवल 47 सीटें ही मिलीं और उसको 21.82 फीसदी वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस केवल 7 सीटें ही जीत पाई थी और उसे 6.25 फीसद वोट मिले थे. साल 2017 में बीजेपी ने 384 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 39.67 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी ने 312 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे केवल 19 सीटें और 22.23 फीसदी वोट मिले थे.