नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को हमेशा अच्छे ब्याज के साथ रिटर्न का एक गारंटीकृत स्रोत माना जाता है. ईपीएफओ ग्राहकों को बिना किसी प्रीमियम के बीमा योजना चुनने की सुविधा भी देता है. यह योजना कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा या ईडीएलआई योजना, 1976 के तहत प्रदान की जाती है जो एक व्यक्ति को 7 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त करने की अनुमति देती है. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ…
कब कर सकते हैं क्लेम?
सरकार की EDLI योजना के तहत क्लेम मेंबर एम्प्लॉई के नॉमिनी की ओर से एम्प्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जाता है. अगर किसी कर्मचारी की कोविड-19 की वजह से भी मौत होती है तो परिजनों को ईडीएलआई के तहत 7 लाख रुपये मिल सकते हैं. यह कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी दिया जाता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो. ईपीएफओ ने इंश्योरेंस का दावा करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है.
कौन कर सकता है क्लेम?
EDLI योजना की इस राशि का क्लेम नॉमिनी की ओर से पीएफ अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर किया जाता है. अगर किसी का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह क्लेम दिया जाता है. यानी अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ होता है, तो मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, उसकी कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा इसके लाभार्थी होते हैं. योजना के तहत एकमुश्त भुगतान होता है. इसके लिए कर्मचारी को कोई भी रकम नहीं देनी पड़ती है. यानी यह इंश्योरेंस कवर सब्सक्राइबर को फ्री मिलता है. पीएफ खाते के साथ ही यह लिंक हो जाता है. कोविड-19 से होने वाली मृत्यु के मामले में भी इसे लिया जा सकता है.
कैसे करें क्लेम?
कर्मचारी की मौत के नॉमिनी को क्लेम के लिए फॉर्म-5 IF जमा करना होगा, जिसे नियोक्ता (एंप्लॉयर) सत्यापित करता है. अगर नियोक्ता उपलब्ध नहीं है तो फिर गजटेड अधिकारी, मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड द्वारा वैरीफाई किया जाएगा.