राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार अब ‘दी पंजाब लैंड रिफाम्र्स एक्ट 1972’ के तहत सीलिंग की हदबंदी से अधिक जमीन रखने वाले मालिकों का रिकार्ड खंगालने में जुट गई है। राजस्व विभाग ने इस संबंध में सभी डिप्टी कमिश्नरों से रिपोर्ट मांगी है, ताकि इसे कंपाइल करके मुख्यमंत्री के पास पेश किया जा सके। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अधिक जमीन रखने वालों को लेकर सरकार क्या फैसला लेने जा रही है, लेकिन आंकड़ा मांगने से खलबली मच गई है।
राजस्व विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में 23 नवंबर को ग्रामीण व खेत मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक के बीच मुख्यमंत्री ने ज्यादा जमीन रखने वाले मालिकों का रिकार्ड मांगा था। जानकारी के अनुसार सीलिंग एक्ट के तहत एक जमींदार दो फसल वाली सात हेक्टेयर जमीन रख सकता है। इसी प्रकार एक फसल वाली 14 हेक्टेयर, गैर सिंचाई वाली 20.5 और बंजर जमीन 21.8 हेक्टेयर रख सकता है।
उल्लेखनीय है कि बाग गैर सिंचाई वाली जमीन में आते हैं। राजनीतिक पार्टियों ने सरकार के इस पत्र पर अपनी नजरें टिका दी हैं और इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। बता दें एक दिन पहले ही डीजीपी इकबालप्रीत सिंह सहोता ने मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की आवाज को दबाने के लिए पुलिस को डीजे सिस्टम का प्रयोग करने के निर्देश दिए थे। इस पत्र के इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद इसका खासा विरोध शुरू हो गया था जिसके बाद डीजीपी ने इस पत्र को वापस ले लिया।
वहीं, किसानों से अतिरिक्त जमीन का रिकार्ड मांगने से कांग्रेस का जट सिख वोट खिसक सकता है। राज्य में जमीन की चक्कबंदी 55 साल पहले पूरी हो चुकी है। फिर भी जमीन का रिकार्ड मांगा जा रहा है। राज्य में ज्यादा जमीन जट सिख के पास है। अनुसूचित जाति के वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में कांग्रेस से जट सिख खिसक सकते हैं।