नोटों पर बनीं तिरक्षी लाइनों पर आपकी नजर जरूर गई होगी. खास बात है कि नोट की कीमत के हिसाब से इनकी संख्या घटती-बढ़ती हैं. आइए जानते हैं 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर बनीं इन लाइनों का क्या मतलब है?
नई दिल्ली: क्या आपने कभी इंडियन नोटों पर बनीं तिरक्षी लाइनों पर ध्यान दिया है? अगर आपने इन लाइंस पर ध्यान दिया होगा तो देखे होंगे कि नोट की कीमत के हिसाब से इनकी संख्या घटती-बढ़ती हैं. क्या आप जानते हैं कि इन लकीरों को नोटों पर क्यों बनाया गया है. दरअसल, ये लकीरें इस नोट के बारे में काफी अहम जानकारी देती है. आइए जानते हैं 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर बनीं इन लाइनों का क्या मतलब है?
क्या होते हैं ब्लीड मार्क्स
नोटों पर बनीं इन लकीरों को ‘ब्लीड मार्क्स’ कहते हैं. ये ब्लीड मार्क्स विशेष रूप से नेत्रहीनों के लिए बना गए हैं. नोट पर बनी इन लकीरों को छू कर वे बता सकते हैं कि यह कितने रुपए का नोट है. इसीलिए 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर अलग-अलग संख्या में लकीरें बनाई गई हैं. और इन्हीं लाइनों से नेत्रहीन इसकी कीमत भी पहचानते हैं.
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नोट पर छपी लकीरें बताती है उसकी कीमत
आइए अब नोट की कीमत पर नजर डालते हैं. ये लकीरें नोटों की कीमत बताती है. 100 रुपये के नोट में दोनों तरफ चार-चार लकीरे बनी होती हैं, जिसे छू कर नेत्रहीन समझ जाते हैं कि ये 100 रुपये का नोट है. वहीं, 200 के नोट के दोनों किनारे चार-चार लकीरे हैं और सतह ही दो-दो जीरो भी लगे हैं. वहीं, 500 के नोट में 5 और 2000 के नोट में दोनों तरफ 7-7 लकीरें बनाई गई हैं. इन लकीरों की मदद से ही नेत्रहीन आसानी से इस नोट को और उसकी कीमत पहचान लेते हैं.