SBI ने एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है. FD पर ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी 2 करोड़ और इससे ज्यादा की घरेलू बल्क टर्म डिपॉजिट्स पर की गई है.
SBI FD rates: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर अब निवेशकों को ज्यादा फायदा होगा. SBI ने एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है. FD पर ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी 2 करोड़ और इससे ज्यादा की घरेलू बल्क डिपॉजिट पर की गई है. 2 करोड़ रुपये से कम के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. घरेलू बल्क टर्म डिपॉजिट पर नए एफडी रेट्स 15 दिसंबर 2021 से लागू हो गईं. बैंक ने एफडी रेट को 10 बेसिस प्वाइंट (0.10 फीसदी) का इजाफा हुआ है.
SBI की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रेग्युलर कस्टमर के लिए बल्क टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर 3 फीसदी सालाना से शुरू हैं. वहीं, सीनियर सिटीजन के लिए शुरुआती ब्याज दर 3.50 फीसदी है. बल्क टर्म डिपॉजिट में कस्टमर 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए डिपॉजिट करा सकते हैं. नई दरें नई एफडी और मैच्योर हो चुकीं पुरानी एफडी के रिन्युअल पर लागू होंगी.
SBI ने बेस रेट और प्राइम लेंडिंग रेट भी बढ़ाए
इससे पहले, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.. एसबीआई ने बेस रेट और प्राइम लेंडिंग रेट में 10-10 बेसिस प्वाइंट (0.10 फीसदी) का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद बेस रेट 7.45 फीसदी से बढ़कर 7.55 फीसदी और प्राइम लेंडिंग रेट 12.20 फीसदी से बढ़कर 12.30 फीसदी हो गया है. नई ब्याज दरें 15 दिसंबर 2021 से लागू हो गईं.
बेस रेट वह मिनिमम ब्याज दर होती है, जिसके नीचे बैंक कर्ज नहीं दे सकता है. इसका मतलब कि कॉमर्शियल लोन की यह मिनिमम ब्याज दर होती है. जिन कस्टमर्स ने बेस रेट के आधार पर लोन लिया होगा, उनकी होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी. बता दें कि जून 2010 के बाद से लिए गए सभी लोन बेस रेट से लिंक्ड हैं. हालांकि इस मामले में बैंक के पास ये अधिकार है कि वे कॉस्ट ऑफ फंड्स की कैलकुलेशन औसत फंड कॉस्ट के हिसाब से करें या MCLR की गणना के हिसाब से करें.