भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखड़े का स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) में विवादों से भरा कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हो जाएगा। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आईआरएस के 2008 बैच के अधिकारी वानखड़े एनसीबी में सितंबर 2020 से डेप्युटेशन पर हैं और ऐंटी-ड्रग एजेंसी के मुंबई जोनल डायरेक्टर हैं। इससे पहले वह राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) में थे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि समीर वानखेड़े पिछले दो महीनों से जारी विवादों की वजह से एक्सटेंशन नहीं लेना चाहते हैं।
एनसीबी के जोनल निदेशक के रूप में वानखेड़े अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई में शामिल थे। इस सिंडिकेट में बॉलीवुड के कलाकार कथित रूप से शामिल हैं। इस साल अक्टूबर में, वानखेड़े के नेतृत्व में एक टीम ने मुंबई तट के पास एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के दौरान कथित तौर पर मादक पदार्थ बरामदगी का दावा किया था और अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में एनसीबी द्वारा छापेमारी के दौरान इस्तेमाल स्वतंत्र गवाहों की साख पर सवाल उठे और यह भी आरोप लगाया गया था कि एनसीबी अधिकारियों ने शाहरुख खान से पैसे ऐंठने की कोशिश की थी।
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह (वानखेड़े) मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर अनुसूचित जाति के आरक्षण के तहत नौकरी हासिल की। वानखेड़े ने आरोप से इनकार किया और उनके पिता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। सूत्रों ने बताया कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि एनसीबी में प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद वानखेड़े को कहां तैनात किया जाएगा।