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खुशखबरी: अगले साल और भी कमा पाएंगे आईपीओ से, बाजार में आएंगे 2 लाख करोड़ के आईपीओ

इस साल अभी तक 65 से अधिक स्टार्टअप व फर्म्स अपना आईपीओ ला चुके हैं इन आईपीओ ने बाजार से कुल 1.35 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। निवेशकों को भी इन आईपीओ में कमाई करने का अच्छा मौका मिला। अगर आप IPO से कमाई करना चाहतें हैं तो 2022 भी आपको निराश नहीं करेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए (26 अरब डॉलर) से अधिक के आईपीओ आ सकते हैं।

आईपीओ में 2021 में सबसे ज़्यादा पैसे लगे
2021 में आईपीओ में लगने वाले पैसे का वॉल्यूम 15.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि 2020 में यह महज 4.2 अरब डॉलर का ही था। इसके हिसाब से इसमें लगभग चार गुना की बढ़ोतरी हुई। यह रिपोर्ट कोटक महिंद्रा कैपिटल ने जारी की है। पाइपलाइन में $ 26 बिलियन मूल्य के आईपीओ के चलते अगले साल भी मार्केट हलचल जारी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए आईपीओ में नई तकनीक, स्वास्थ्य सेवा, उपभोक्ता, रियल्टी और स्पेशिलिटी केमिकल जैसे क्षेत्रों का दबदबा रहेगा।

फाइल हो चुके 15 अरब डॉलर के आईपीओ
सेबी के पास अभी तक 15 अरब डॉलर के आईपीओ पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं, अनुमान के मुताबिक लार्ज-कैप और मिड-कैप में कई कंपनियों द्वारा 11 बिलियन डॉलर मूल्य के और इश्यू फाइल करने की संभावना है। ब्रोकरेज के होल टाइम डायरेक्टर वी जयशंकर ने बताया कि 2022 पैसे जुटाने के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि ब्रोकरेज ने इस साल 200 मिलियन डॉलर से अधिक के 26 आईपीओ में से 19 को लीड किया। 18 आईपीओ से 7.96 बिलियन डॉलर जुटाने में मदद मिली। इस दौरान आईपीओ का औसत भी 2,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इस साल 65 कंपनियों में से सात ने प्राथमिक शेयर बिक्री से $ 250 मिलियन और $ 500 मिलियन के बीच की फंड जुटाया। आईपीओ इश्यू में डिजिटल कंपनियों का दबदबा रहा।

रिटेल निवेशकों के लिए बेहतरीन रहा साल 
कोटक महिंद्रा कैपिटल के एमडी और सीईओ एस रमेश ने कहा कि 2021 रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा साल रहा है। उनका कहा है कि 2021 आईपीओ के लिए बहुत बड़ा रहा है, हम उम्मीद करते हैं कि 2022 एक और अच्छा साल होगा, फिर भी निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। ब्रोकरेज के अनुसार, 2021 में कुल मर्जर एंड एक्वीजीशन (एमएंडए) काफी अच्छे रहे हैं। 2021 के 11 महीनों में यह 118 अरब डॉलर रहा, जबकि 2020 में यह 114 अरब डॉलर का था। इस साल टाटा ने बिगबास्केट, 1एमजी और तेजस नेटवर्क्स का अधिग्रहण किया, डेल्हीवेरी ने स्पॉटन को ख़रीदा तो फार्मासी ने थायरोकेयर का अधिग्रहण किया।

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