मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण व नुकसान की वसूली विधेयक-2021’ सदन में पेश किया। इस विधेयक को प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच पटल पर रखा। इस पर गुरुवार को सदन में चर्चा होगी और उसी दिन इसके पारित होने की संभावना है।
पत्रकारों से बातचीत में मिश्रा ने इस विधेयक के बारे में कहा, ‘यह विधेयक आज (बुधवार को) पटल पर रखा गया। आंदोलन, विरोध प्रदर्शन, जुलूस या सांप्रदायिक दंगों के दौरान शासकीय, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कानून बनाया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘जैसे हमारे यहां उज्जैन में पिछले साल 25 दिसंबर को और एक अप्रैल को इंदौर में घटना हुई। चिकित्सक इलाज करने गए और उन पर पत्थर फेंके गये। उस समय भयानक कोविड-19 संकट था। लोगों की जान बचाने जो गये थे उन्हीं पर पत्थर फेंके। ऐसे लोग जो पत्थर फेंकते हैं, नुकसान पहुंचाते हैं, उनके घरों के पत्थर निकाले जायें, कितने पत्थर हैं।’
16 दिसंबर को मंत्रिमंडल ने दी थी बिल को मंजूरी
मिश्रा ने आगे कहा, ‘ऐसे लोगों को जो कानून तोड़ते हैं, उनकी नजर में कानून का भय हो। ऐसे लोग जो अपराधी की शक्ल में समाज में विचरण करते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह कानून है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि मध्य प्रदेश की विधानसभा में कल (गुरुवार को) यह कानून पास हो जाएगा।’ मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल ने 16 दिसंबर को इस विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।