Booster Dose Amid Omicron Crisis: 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और मेडिकल स्टाफ को बूस्टर डोज दी जाएगी. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को उनके डॉक्टर की सलाह पर बूस्टर डोज दी जाएगी.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतराल 9 से 12 महीने हो सकता है. बताया गया है कि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सिन के लिए अंतराल की बारीकियों पर काम किया जा रहा है और इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा.
एक सूत्र ने कहा, ‘टीकाकरण विभाग और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की तरफ से इन विषयों पर चर्चा करने के बाद कोविड टीके की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 9 से 12 महीने होने की संभावना है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम एक संबोधन में घोषणा की कि 15-18 साल के किशोरों के लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू होगा जबकि मेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज 10 जनवरी से दी जाएगी. ये फैसला कोरोना वायरस के Omicron वैरिएंट से जुड़े कोविड मामले बढ़ने के बीच आया है.
पीएम मोदी ने कहा कि बूस्टर डोज अगले साल 10 जनवरी से 60 साल से अधिक उम्र के और अन्य गंभीर बीमारी वाले नागरिकों को उनके डॉक्टर की सलाह पर दी जाएगी. बूस्टर डोज को टीकाकरण के लिए वैक्सीन की तीसरी डोज के रूप में देखा जा रहा है लेकिन पीएम मोदी ने ‘बूस्टर डोज’ शब्द का इस्तेमाल करने से परहेज किया जैसा कि आमतौर पर कहा जाता है.
जान लें कि भारत की 61 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की दोनों डोज मिल चुकी हैं. इसी तरह लगभग 90 फीसदी वयस्क आबादी को पहली डोज मिल चुकी है.
(इनपुट- भाषा)