कानपुर, जागरण संवाददाता। ट्रायल रन के बाद यात्रियों के लिए मेट्रो ट्रेन चलाने के मामले भी कानपुर ने लखनऊ को बुरी तरह पछाड़ दिया है। कानपुर में 774 दिन में मेट्रो ट्रेन चलने जा रही है। यह स्थिति तब है जब कानपुर की मेट्रो चलने के दौरान दो बार कोरोना का झटका भी सहना पड़ा और बीच में काम बंद भी रहा और काम करने वाले भी चले गए।
लखनऊ में मेट्रो का काम 28 सितंबर 2014 को शुरू हुआ था। इसके बाद मेट्रो ट्रेन पांच सितंबर 2017 को शुरू हुई थी। इस तरह लखनऊ में मेट्रो ट्रेन यात्रियों के लिए दो वर्ष 11 माह आठ दिन में चल सकी थी। दूसरी ओर कानपुर मेट्रो की रफ्तार इसे बहुत ज्यादा तेज रही। नौ किलोमीटर लंबे इस रूट पर नौ स्टेशन हैं और मात्र दो वर्ष एक माह और 13 दिन में कानपुर की मेट्रो यात्रियों के लिए चलने जा रही है। कानपुर मेट्रो का काम 15 नवंबर 2019 को शुरू हुआ था। अब आज 28 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। इससे पहले ट्रायल रन में भी कानपुर ने लखनऊ का रिकार्ड तोड़ा था। लखनऊ ने 794 दिन में ट्रायल रन किया था। वहीं कानपुर में 726 दिन में ही ट्रायल रन कर लिया था। कानपुर में जितने कम दिनों में ट्रायल रन शुरू आया, मेट्रो अधिकारियों के मुताबकि उतना कहीं नहीं हुआ।
कानपुर व लखनऊ मेट्रो की तुलना
– 28 सितंबर 2014 को लखनऊ में मेट्रो के कार्य शुरू हुए।
– 01 दिसंबर 2016 को लखनऊ में ट्रायल रन शुरू हुआ।
– 05 सितंबर 2017 को लखनऊ मेट्रो का उद्घाटन।
– 15 नवंबर 2019 में कानपुर की मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
– 10 नवंबर 2021 को कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन हुर्आ।
– 28 दिसंबर 2021 को आज कानपुर मेट्रो का लोकार्पण।
बोले जिम्मेदार: हमारी पूरी टीम ने बहुत तेजी से काम किया है। यह बड़ी उपलब्धि है और कानपुर के लिए भी गौरव की बात है। आगे के कारिडोर भी हम निर्धारित समय से पूरा करेंगे। – कुमार केशव, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन।