बरेली, जेएनएन। Teenagers Vaccination Update : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण कराया जा रहा है। टीकाकरण के बाद लोगों के शरीर में दर्द, बुखार आदि की समस्याओं को देखते हुए शासन ने छात्रों के हित में निर्णय लिया है। इसके तहत टीकाकरण के छात्रों को दो दिन की छुट्टी दी जाएगी। जिससे कि यदि टीकारण के बाद छात्रों को कोई दिक्कत होती है तो वे घर पर ही आराम कर सकें।
वैसे चिकित्सकों का कहना है कि टीकाकरण के बाद इस तरह के लक्षण एक या दो केस में ही सामने आ रहे हैं। जिसके लिए छात्रों और उनके अभिभावकों को टीकाकरण के बाद जागरूक कर दिया जाता है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि किस दिक्कत पर क्या करना है, क्या दवाई लेनी हैं। शासन की ओर से मुख्य सचिव के आए पत्र के मुताबिक वैक्सीन लगने वाले दिन और उसके अगले दिन स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं को छुट्टी दें। साथ ही टीकाकरण के लिए जिस स्कूल में केंद्र बना है वहां बच्चों को टीकाकरण के बाद घर भेज दिया जाए।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी स्कूल के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर दिया गया। टीकाकरण के बाद छात्रों को घर भेजने के साथ चिकित्सक उनको और उनके अभिभावकों को जरूरी जानकारी भी दे रहे हैं। जैसे किस दिक्कत पर क्या करना है और कौन सी दवाई लेनी है। वैसे अभी तक कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। टीकाकरण केंद्र पर पूरी एहतियात के साथ वैक्सीनेशन कराया जा रहा है।
कोरोना संक्रमित में आक्सीजन की कमी होने पर तुरंत किया भर्ती : जिले में कोरोना से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए फुल रिहर्सल किया गया। इसमें भर्ती होने आए कोरोना संक्रमित में आक्सीजन का लेवल कम होने पर उसे आइसीयू में शिफ्ट करके तुरंत आक्सीजन लगाई गई। मरीज के पहुंचने से आइसीयू में आक्सीजन सपोर्ट देने तक केवल पांच मिनट का समय लगा। देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही अपर मुख्य सचिव ने कोविड अस्पतालों में तैयारियों को परखने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए सोमवार और मंगलवार को फुल रिहर्सल किया जाना था।
सोमवार को कागजी कार्रवाई करने के बाद मंगलवार को फुल रिहर्सल किया जाना था। बुलेंस से मंगलवार की दोपहर 01:15 बजे कोरोना संक्रमित 300 बेड कोविड अस्पताल पहुंचा। वहां पर तैनात चिकित्सकों की टीम ने उसे तुंरत ही स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल में ले गए। मरीज का ब्लड प्रेशर, पल्स, आक्सीजन का सैचुरेशन आदि बिंदुओं के बारे में जांच की। वहां पर आक्सीजन की जांच की तो 92 प्रतिशत था। इसके बाद तुरंत ही संक्रमित को आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां आक्सीजन सपोर्ट लेने पर उसका आक्सीजन लेवल 98 प्रतिशत पर पहुंच गया।
इस दौरान निरीक्षण करने के लिए पहुंचे विश्व स्वास्थ्य संगठन के नोडल अफसर डा. अजीत पंवार ने फिजीशियन डा. अकीक अहमद, एनेस्थेटिक डा. आरसी दीक्षित, मेडिकल अफसर डा. दीपक और डा. धर्मप्रकाश गुप्ता समेत वहां पर तैनात नर्सिंग स्टाफ से आक्सीजन लगाने एवं मरीज से संबंधित तमाम सवाल किए। हालांकि, उन्होंने संतोषजनक जवाब दिए। इसके बाद डा. पंवार ने आक्सीजन प्लांट में जाकर वहां पर जानकारी की। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने स्टाफ की कमी का मुद्दा भी उठाया। इस मौके पर 300 बेड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सतीश चंद्रा, कोविड-19 जिला सर्विलांस टीम के नोडल अफसर डा. अनुराग गौतम समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।