New wage code: नया सैलरी स्ट्रक्चर नए फाइनेंशियल ईयर में लागू हो सकता है. ड्राफ्ट रूल्स लगभग तैयार हो चुके हैं. इसलिए पहले अपनी तैयारी करना जरूरी है. इसलिए हमने यहां स्ट्रक्चर को समझाने की कोशिश की है.
New wage code: नई फाइनेंशियल ईयर में न्यू वेज कोड लागू होने जा रहा है. ड्राफ्ट रूल्स लगभग तैयार हो चुके हैं. अप्रैल 2022 के बाद सरकार इसे कभी भी लागू कर सकती है. सैलरी का नया नियम लागू होने से आपकी सैलरी स्लिप में भी काफी कुछ बदल जाएगा. New Wag Code के मुताबिक, हर महीने मिलने वाली पूरी सैलरी में बेसिक का हिस्सा 50% होगा. कुल CTC में Basic Salary, महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और Retaining Allowance आता है. इन तीनों को जोड़कर मिलने वाली कुल सैलरी महीने में मिलने वाली कुल सैलरी की 50% होनी चाहिए. बाकी सैलरी के हिस्से में दूसरे भत्ते शामिल होंगे. लेकिन, अगर यह राशि 50% से ज्यादा हुई तो अतिरिक्त रकम को सैलरी का हिस्सा माना जाएगा.
कौन सा पार्ट टैक्स फ्री और किस पर टैक्स?
बेसिक सैलरी, स्पेशल अलाउंस, बोनस आदि पूरी तरह टैक्सेबल हैं. वहीं, फ्यूल और ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबों के लिए मिल रहे अलाउंस पूरी तरह टैक्स फ्री हैं. वहीं, HRA की गणना का नियम है और उस नियम के तहत HRA पूरी तरह या फिर उसका कुछ हिस्सा टैक्स फ्री हो सकता है. वहीं, बेसिक सैलरी के 10% के बराबर NPS कंट्रिब्यूशन भी टैक्स फ्री है, उससे अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होता है. वहीं, ग्रेच्युटी में 20 लाख रुपए तक की जमा रकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. उसके बाद की रकम टैक्सेबल होती है.
सैलरी के आधार पर टैक्स
मान लीजिए कि आपकी मंथली सीटीसी (Cost to Company) 1.5 लाख रुपए यानी सालाना पैकेज 18 लाख रुपए का है और आप सेक्शन 80C के तहत निवेश पर अधिकतम टैक्स 1.50 लाख रुपए की छूट लेते हैं. अगर कंपनी ने आपको सेक्शन 80CCD(2) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का भी फायदा दे रही है तो नियम के मुताबिक, बेसिक सैलरी का 10% NPS में जाता है और वह टैक्स फ्री होता है.
सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से समझें
मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी CTC का 32% होती है.
– इस लिहाज से 1.50 लाख की मंथली CTC में बेसिक सैलरी 48,000 रुपए होगी.
– 50 फीसदी यानी 24,000 रुपए HRA तो NPS में बेसिक (48,000 रुपए) का 10% यानी, 4,800 रुपए जाएगा.
– बेसिक सैलरी का 12% प्रॉविडेंट फंड (EPF) में तो 5,760 रुपए हर महीने EPF में जाएंगे.
– मंथली 1.50 लाख रुपए की CTC में 82,560 रुपए हो गए.
– बाकी 67,440 रुपए दूसरे भत्तों के जरिए दिए जा रहे हैं. इनमें स्पेशल अलाउंस, फ्यूल ऐंड ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार एवं किताबें, सालाना बोनस में मासिक हिस्सेदारी, ग्रेच्युटी जैसे कंपोनेंट शामिल हैं.
नए स्ट्रक्चर से सैलरी में बढ़ेगा टैक्सेबल पार्ट
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) बेसिक सैलरी का 40 से 50 फीसदी तक हुआ करता है. ऐसे में कुल मासिक रकम का यह 20 से 25 फीसदी हिस्सा ही होगा. अब अगर बेसिक सैलरी, DA और RA को मिलकार कुल मासिक रकम का 50% होना अनिवार्य है और 20 से 25% HRA होगा तो इसका मतलब है कि कुल मासिक रकम में बाकी भत्तों में मिलने वाली रकम की हिस्सेदारी घटकर 25-30 फीसदी होगी.
सैलरी स्ट्रक्चर का आप पर क्या असर होगा?
दरअसल, मंथली सैलरी में 50% सैलरी कंपोनेंट की अनिवार्यता नहीं होने के कारण टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग तरह के भत्तों में ज्यादा पैसे दिए जाते थे. लेकिन, इनकी हिस्सेदारी 25 से 30 प्रतिशत तक सिमट जाने के कारण सैलरी में टैक्सेबल पार्ट बढ़ जाएगा. हालांकि, यह भी सच है कि टैक्स की रकम में मामूली बढ़ोतरी होगी. नए वेज कोड (New wage code take home salary) से आपकी टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट सेविंग और टैक्स पर क्या-क्या असर देखने को मिलेंगे.
HRA पर टैक्स छूट का नियम
HRA पर टैक्स छूट का नियम कुछ इस तरह है.
1. आपको HRA में मिल रही पूरी रकम.
2. अगर आप महानगर में काम कर रहे हैं तो बेसिक सैलरी के 50% जबकि महानगर में नहीं हैं तो बेसिक सैलरी के 40% के बराबर की रकम.
3. आप हर महीने जितना किराया दे रहे हैं, उसमें से बेसिक सैलरी का 10% घटाकर.
इन तीनों में जो भी रकम सबसे कम है, उतनी रकम टैक्स फ्री हो जाती है.
HRA पर कितनी छूट मिलेगी
ऊपर की कैलकुलेशन के आधार पर HRA में सालाना 2.88 लाख रुपए मिल रहे हैं, लेकिन आप 2.42 लाख रुपए पर ही टैक्स छूट ले सकते हैं, क्योंकि HRA कैलकुलेशन रूल की 3 शर्तों के मुताबिक, आपको ज्यादा से ज्यादा इसी रकम पर छूट मिल सकती है. मान लीजिए आप 25,000 रुपए मासिक मकान किराया दे रहे हैं तो आपका सालाना किराया 3 लाख रुपए होगा. नियम के मुताबिक, 3 लाख रुपए में बेसिक सैलरी का 10% यानी, 57,600 रुपए घटाना होगा जो बचकर 2,42,400 रुपए है. आपको इसी रकम पर टैक्स छूट मिलेगी.
नए सैलरी स्ट्रक्चर में बढ़ेगा HRA पर टैक्स
अब नए सैलरी स्ट्रक्चर में 1.50 रुपए मंथली CTC में बेसिक सैलरी 75,000 रुपए रहेगी. इस लिहाज से HRA 37,500 रुपए, EPF 9,000 रुपए, NPS 7,500 रुपए, फ्यूल एवं ट्रांसपोर्ट 10,000 रुपए, फोन 1,000 रुपए, अखबार और किताबें 1,000 रुपए, बोनस 5,400 रुपए और ग्रेच्युटी 3,600 रुपए होगी. ऐसे में आपका HRA पार्ट बढ़ गया. अब आपका मासिक किराया तो वही 25,000 रुपए होगा. लेकिन, HRA पर छूट पहले की तरह ही ले सकेंगे, लेकिन एचआरए की कुल रकम बढ़ जाने के कारण टैक्स फ्री के अतिरिक्त रकम भी बढ़ेगी और इस तरह टैक्स भी बढ़ेगा.
नए सैलरी स्ट्रक्चर में क्या-क्या बदलेगा?
सालाना बेसिक सैलरी 9 लाख रुपए होगी तो HRA 4,50,000 रुपए होगा. लेकिन, आपको 2,42,400 रुपए पर ही टैक्स छूट मिलेगी. मतलब, 2,07,600 रुपए पर टैक्स देना होगा. पहले आपको HRA में मिल रहे सिर्फ 45,600 रुपए पर टैक्स देना होता था. यानी, नए सैलरी स्ट्रक्चर में House Rent Allowance पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी होने जा रही है. एनुअल CTC पर टैक्स की तुलना करेंगे तो अभी आपको 1.10 लाख (कुल CTC का 6.1%) टैक्स देना होता है, जो नए स्ट्रक्चर में 1.19 लाख रुपए (कुल CTC का 6.6%) होगा. नए स्ट्रक्चर में आपकी एनुअल रिटायरमेंट सेविंग 3.06 रुपए (CTC का 17%) होगी, जो पहले 1.96 लाख रुपए (सीटीसी का 10.9%) थी. मतलब नए स्ट्रक्चर में आपकी एनुअल रिटायरमेंट सेविंग 1.10 लाख रुपए बढ़ जाएगी.
घटेगी टेक होम सैलरी
नए स्ट्रक्चर में आपकी टेक होम सैलरी घटेगी. लेकिन, आप चाहते हैं इसका कुछ विकल्प निकाला जाए तो आपके पास एक रास्ता है. आप NPS छोड़ सकते हैं, क्योंकि उसमें पैसे डालना या नहीं डालना, आपकी मर्जी पर निर्भर करता है. EPF के साथ ऐसा नहीं है. आपकी बेसिक सैलरी का 12% तो देना ही होता है. NPS छोड़ने पर आपका सैलरी स्ट्रक्चर कुछ इस तरह हो सकता है-
कितना पैसा किसमें मिलेगा
बेसिक 75 हजार रुपए, HRA 37,500 रुपए (महानगर में), स्पेशल अलाउंस 2,400 रुपए, EPF 9,000 रुपए, फ्यूल एवं ट्रांसपोर्ट 16,000 रुपए, फोन 2,000 रुपए, अखबार एवं किताबें 1,500 रुपए, बोनस (मासिक हिस्सा) 3,000 रुपए और ग्रेच्युटी 3,600 रुपए. ऐसे में आपके कुल वेतन में टैक्स फ्री वाली रकम (फ्यूल और ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबों के भत्ते मिलाकर 19,500 रुपए) की हिस्सेदारी बढ़ेगी. सालाना CTC पर 1.19 लाख रुपए (सीटीसी का 6.6%) टैक्स देना होगा, जबकि एनुअल रिटायरमेंट सेविंग में 3.06 लाख रुपए (सीटीसी का 17%) जमा होंगे.