1 फरवरी 2022 को पेश किए जाने वाले आम बजट में PPF की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की ICAI ने सिफारिश की है. यह जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत को भी बढ़ावा दे सकता है और इसका मुद्रास्फीति (Inflation) विरोधी प्रभाव होगा.
नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) बजट से पहले जारी ज्ञापन में लोक भविष्य निधि योजना (PPF) के संबंध में सिफारिशें भेजी हैं. इसके तहत ICAI ने कहा है कि PPF जमा की अधिकतम वार्षिक सीमा बढ़ाई जाए. उन्होंने मांग की है कि मौजूदा हालात को देखते हुए जमा करने की लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाए. PPF बजट सीमा में वृद्धि पर ICAI की सिफारिश संसद में बजट सत्र शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले आती हैं. इस साल बजट सत्र 1 फरवरी से शुरू होने वाला है और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिन संसद में वार्षिक बजट पेश करेंगी.
ICAI ने की सिफारिश
रिपोर्टों के अनुसार, ICAI ने केंद्रीय बजट 2022-23 से पहले सिफारिश की थी. इस सिफारिश में कहा कि PPF की जमा सीमा में वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि ये एकमात्र सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना है. ICAI ने यह भी कहा कि उसका मानना है कि PPF जमा सीमा में वृद्धि से GDP के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत को बढ़ावा मिलेगा. ICAI ने कहा कि इसका मुद्रास्फीति विरोधी प्रभाव होगा.
PPF की लिमिट बढ़ाने की मांग
ICAI ने कहा, चूंकि रोजगार में निर्धारितियों के पास अपने वेतन का 12% (नियोक्ताओं से मिलान योगदान के साथ) बचाने की मजबूरी है, स्व-नियोजित निर्धारितियों के लिए उपलब्ध एकमात्र सुरक्षित और कर-कुशल विकल्प पीपीएफ है. इसलिए, पीपीएफ योगदान की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है.
ICAI के प्रमुख सुझाव
– पीपीएफ में योगदान की वार्षिक सीमा 1.5 लाख रुपये की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाए.
– धारा सीसीएफ के तहत कटौती की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है.
– बड़े पैमाने पर जनता को बचत के अवसर प्रदान करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की मात्रा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जा रही है.
– केंद्रीय बजट 2022-23 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा.
PPF क्या है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF भारत में सबसे लोकप्रिय, लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है. यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की एक बचत योजना है.