हिमाचल प्रदेश में फिलहाल ऊंचे इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों और विदेशों से सैलानी आ रहे हैं। लेकिन ओमिक्रॉन का खतरा भी मंडरा रहा है। इस बीच राज्य के सीएम जयराम ठाकुर ने पर्यटकों की आवाजाही पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा कोई भी फैसला राज्य के होटल कारोबारियों और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। गुरुवार को जयराम ठाकुर ने कहा, ‘कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है और इससे स्पष्ट है कि तीसरी लहर का आगाज हिमाचल प्रदेश में हो गया है। यदि यही माहौल बना रहा तो सरकार को कुछ कड़े प्रतिबंध लगाने पड़ सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि बीते 5 दिनों में ही हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस 336 से बढ़कर 1,150 हो गए हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि 4 से 5 दिनों के बाद राज्य सरकार की ओर से समीक्षा की जाएगी। यदि कोरोना के मामले अधिक पाए जाते हैं तो फिर पाबंदियों में इजाफा करने को लेकर फैसला किया जाएगा। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि सावधानी बरतना ही कोरोना से निपटने का सही उपाय है। जयराम ठाकुर ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि टूरिस्टो की आवाजाही पर रोक लगाना ठीक नहीं होगा। इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होता है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि होटल कारोबारी टूरिस्टों से आग्रह करें कि वे कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करें।’
उन्होंने कहा कि होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री में पहले ही पिछले दो सालों में गिरावट का दौर है। कोरोना के चलते बड़ा संकट झेलना पड़ा है। ऐसे में अब एक बार फिर से टूरिस्टों की आवाजाही पर पाबंदी लगाना समझदारी भरा फैसला नहीं होगा। हालांकि उन्होंने साफ किया कि यदि संकट बढ़ता रहा तो फिर पाबंदियां लगाने के अलावा कोई और उपाय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है और सोशल गैदरिंग की सीमा कुल क्षमता के 50 फीसदी तक ही रखने की अनुमति दी है।