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PM Modi की जान से खिलवाड़ लेकिन जुर्माना सिर्फ 200 रुपये? जानिए पूरा मामला

PM Narendra Modi Security Breach: प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोके जाने के मामले में दर्ज की गई एफआईआर में पीएम मोदी का जिक्र नहीं है. 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

फिरोजपुर: पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Modi Security Breach) के मामले में 18 घंटे बाद एफआईआर (FIR) दर्ज हुई. लेकिन अब आरोप लग रहे हैं कि केस दर्ज करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई. एफआईआर को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं जिसका जवाब देते पंजाब पुलिस (Punjab Police) से नहीं बन रहा है. एफआईआर में ऐसी धारा लगाई गई है जिसके तहत केवल 200 रुपये जुर्माना चुकाना पड़ेगा.

पंजाब पुलिस के रवैये पर सवाल

चुनाव से पहले पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और इस मुद्दे पर पंजाब पुलिस और राज्य की कांग्रेस सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तो मामले में 18 घंटे बाद केस दर्ज किया गया और उस पर से एफआईआर ऐसी जिसको लेकर पंजाब पुलिस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

सवाल नंबर 1- FIR में पीएम का जिक्र क्यों नहीं?

फिरोजपुर में पीएम मोदी के काफिले का रास्ता रोके जाने के मामले में पंजाब पुलिस ने कुलगढ़ी थाने में केस दर्ज किया है. लेकिन FIR में कहीं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जिक्र तक नहीं है. कहीं भी पीएम मोदी का काफिला रोके जाने का जिक्र नहीं है. यानी जिस मुद्दे को लेकर सारा हंगामा हो रहा है उस बारे में दर्ज केस में नहीं लिखा गया है. FIR में सिर्फ ये कहा गया है कि प्रदर्शन की वजह से आम लोग, रैली में जाने वाले लोगों और VIP गाड़ियों के लिए रास्ता बंद हुआ.

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सवाल नंबर 2- FIR में कमजोर धारा क्यों लगाई गई?

आरोप ये भी लग रहे हैं कि FIR में जानबूझकर कमजोर धारा लगाई गई है. पंजाब पुलिस ने जो केस दर्ज किया है उसमें IPC की धारा 283 लगाई गई है. इस धारा में मात्र 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. धारा 283 में थाने से ही जमानत मिल जाती है. आरोपी को कोर्ट जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

सवाल नंबर 3- पुलिस के लिए प्रदर्शनकारी अज्ञात कैसे?

पंजाब पुलिस ने FIR में किसी का नाम नहीं लिखा है. 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों नेताओं के नाम मालूम हैं. ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने केस दर्ज करके सिर्फ खानापूर्ति की है.

सवाल नंबर 4- PM के जाने के बाद क्यों पहुंची पुलिस?

मामले में इंस्पेक्टर बीरबल सिंह के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है. जिसके मुताबिक, बीरबल सिंह ढाई से 3 बजे के बीच फिरोजपुर के गांव प्यारेआणा के फ्लाईओवर पर पहुंचे थे. और जब वो वहां पहुंचे, उससे डेढ़ घंटे पहले ही पीएम मोदी वापस बठिंडा एयरपोर्ट लौट गए थे. इंस्पेक्टर बीरबल को खबर मिली थी कि फ्लाईओवर पर कुछ अज्ञात व्यक्ति धरना दे रहे हैं.

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सवाल नंबर 5- SPG एक्ट क्यों नहीं लगाया गया?

पंजाब पुलिस से ये भी सवाल किया जा रहा है कि पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए बने SPG एक्ट को FIR में क्यों शामिल नहीं किया गया है?

पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि सबसे पहली सुरक्षा भंग डीजीपी की गैर हाजिरी थी. राज्य के गृह मंत्री और गृह सचिव भी मौजूद नहीं थे. जिलाधिकारी भी नदारद रहे. क्या सुरक्षा में चूक एक पूर्व नियोजित साजिश थी? ये पीएम पर घात लगाने का स्पष्ट मामला है.

इस बीच केंद्र के सख्त रुख के बाद पंजाब सरकार ने फिरोजपुर के एसएसपी का तबादला कर दिया है. फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस को लुधियाना में इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) की तीसरी बटालियन का कमांडेंट बनाया गया है. नरेंद्र भार्गव को फिरोजपुर का नया एसएसपी बनाया गया है. इससे पहले पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय को भी बदल दिया गया. सीनियर आईपीएस वीरेश कुमार भावरा को पंजाब पुलिस का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है.

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भले ही चन्नी सरकार ने पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की हो लेकिन जानकार मानते हैं कि जितना दोष पंजाब पुलिस का है उतना ही पंजाब के राजनीतिक नेतृत्व का भी. ऐसे में सीएम चन्नी पर बीजेपी के हमले जारी हैं.

बीजेपी के महासचिव तरुण चुग ने कहा कि सीएम चन्नी, DGP और होम मिनिस्टर पर अटेम्प्ट टू मर्डर का चार्ज लगाकर जेल भेजना चाहिए क्योंकि ये तीनो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.

बहरहाल पीएम की सूरक्षा में चूक की जिम्मेदारी तय करने के लिए गृह मंत्रालय की टीम जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम पंजाब पुलिस के कई और बड़े अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है. ऐसे में पीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. सभी अधिकारी एक-दूसरे को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. और इन सबके बीच ये सच है कि पहले लापरवाही बरतने वाली पुलिस ने अब FIR दर्ज कर सिर्फ खानापूर्ति की है.

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