लखनऊ, जेएनएन। अन्न हाथ में लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी को हराने और हटाने का संकल्प लेने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी का एक और बड़ा अभियान प्रारंभ किया। समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री देने के अभियान को बुधवार से प्रारंभ करने की घोषणा की। अखिलेश के साथ प्रेस कांफ्रेंस में स्वामी प्रसाद मौर्य और अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके शुभारंभ के दौरान कहा कि नाम लिखाएं और 300 यूनिट बिजली फ्री पाएं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बुधवार से प्रदेश में घर-घर जाकर इस अभियान को शुरू करेंगे। इस दौरान सभी जगह पर आनलाइन फार्म भी भरे जाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि 300 युनिट मुफ्त बिजली देना इसे समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है। इसके लिए कल से अभियान शुरु किया जाएगा। लोगों को उनका बिजली बिल जिस नाम से उनके घर आता है वे नाम इस अभियान के तहत फॉर्म में भरवाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के अभियान के तहत जो लोग 300 यूनिट फ्री बिजली चाहते हैं उनसे फार्म भरवाया जाएगा। जिनके पास बिजली का बिल है वो उसी नाम को लिखें और जो भविष्य में कनेक्शन लेना चाहते हैं वो राशन कार्ड के अनुसार नाम लिखवाएं।
अखिलेश यादव ने कहा कि हम चुनाव आयोग से रथ चलाने की अनुमति मांगेंगे। इसके साथ ही डोर टु डोर और ऑनलाइन अभियान भी चलेगा। उन्होंने खुद की चुनाव की तैयारी करने के बाद इसकी घोषणा कराई। यह भाजपा की चाल है।फिर भी समाजवादी पार्टी और अन्य सहयोगी पार्टियां पूरी तत्परता से डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हुए जनता के बीच पहुंच रही है।
सपा की मान्यता रद करने को लेकर दर्ज याचिका के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि पहले भाजपा की मान्यता रद करें क्योंकि मुख्यमंत्री पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज है। डिप्टी सीएम पर भी मुकदमा है। सपा के कई लोगों पर झूठे मुकदमे हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं पर भी मुकदमे दर्ज हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि अब्दुल्ला आजम को फसाने में कांग्रेस और भाजपा दोनों थी। रामपुर आए एक जिलाधिकारी ने खुद के आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए मनमाने तरीके से मुकदमे लगाए। उसी कड़ी में नाहीद हसन पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का वादा किया था पर अभी तक नहीं हुई और जब किसान आंदोलन कर रहे थे तब वो किसानों को आतंकवादी कह रहे थे। जिन लोगों को किसान आतंकवादी लगते हैं वो अन्न खाना बंद कर दें।