छत्तीसगढ़ में हुक्का बार को अपराध बनाने वाले विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गए हैं. अब इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा.
रायपुर: भूपेश बघेल सरकार ने नशे के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. अब प्रदेश में हुक्का बार खोलने और उसका संचालन करने वालों को तीन साल की सजा होगी. राज्यपाल ने इससे जुडे़ संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए जाएगा. जैसे ही राष्ट्रपति से विधेयक को मंजूरी मिलती है प्रदेश में कानून लागू हो जाएगा.
बघेल सरकार ने दिए थे प्रतिबंध का निर्देश
प्रदेश में कुछ दिनों से हुक्का बार में अवैध नशाखोरी के मामले आए थे, जिसके बाद भूपेश सरकार ने इनपर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद से ही प्रदेश में पुलिस ने हुक्काबार संचालित करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी, कई दुकानें सील कर भारी मात्रा में हुक्का का सामान जब्त किया गया था. हालांकि एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी.
शीतकालीन सत्र में पास हुआ था बिल
भूपेश कैबिनेट ने हुक्का बार पर रोक के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद संशोधन विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बाद शीतकालीन सत्र के दौरान इस संशोधन विधेयक को पारित करा लिया गया था. विधानसभा में विधेयक पास होने के बाद से ही राज्यपाल के पास पेंडिंग था.
संशोधन में नई धारा जोड़कर जब्ती का प्रावधान भी बनाया गया है. इसके मुताबिक उप निरीक्षक की श्रेणी या उससे बड़े रैंक के किसी पुलिस या आबकारी अधिकारी के अधिकार जाएंगे. संशोधनों के मुताबिक, इन अधिकारियों के पास हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त करने का अधिकार होगा.
तीन साल की होगी जेल
संशोधित कानून में जरिए हुक्का बार संचालकों के साथ ही वहां जाकर हुक्का पीने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है. इसके मुताबिक हुक्का बार संचालक तीन साल तक की जेल और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है. खास बात ये कि यह सजा एक साल की जेल और 10 हजार रुपए के जुर्माने से कम नहीं होगी. वहीं हुक्का पीने वालों पर भी पांच हजार रुपए की जुर्माना लगाया जा सकता है.