सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार 28 जनवरी को बजट पूर्व उद्योगपतियों और व्यापारियों के सुझाव लेंगे। सीएम गहलोत मुख्यमंत्री आवास से वीसी के जरिए कनेक्ट होंगे। जबकि उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधि सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से वीसी से कनेक्ट होंगे। मुख्यमंत्री वर्ष बजट पेश करने से पहले सुझाव लेते आए है। इस बार भी सीएम व्यापारियों के सुझाव लेंगे और उनकी बजट में उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्टेट टैक्स एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी। माना जा रहा है कि बैठक में व्यापारी और उद्योगपति सीएम गहलोत से वैट रिफंड बकाया भुगतान करने की मांग करेंगे। साथ में सीएम गहलोत से पेट्रोलियम और बिजली रेट घटाने की भी मांग कर सकते हैं।
वेयरहाउस गोदामों को इंडस्ट्री का दर्जा देने की मांग
फोर्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने बताया कि सीएम की घोषणा के बाद भी वेयरहाउस गोदामों को रीको ने इंडस्ट्री का दर्जा नहीं दिया है। जबकि राज्य का स्वायत्त शासन विभाग सीएम के निर्देश पर अनुमित प्रदान कर चुका है। नगर निगम यूडी टैक्स वसूली कर रहा है। हमारी मांग है कि निगम के अधिकारियों को रीको एरिया में घुसने का अधिकार नहीं होना चाहिए। दिल्ली और हरियाणा की तर्ज पर वेयरहाउस गोदामों को इंडस्ट्रीयल दर्जा और लैंड यूज चेंज परमिशन दी जाए। अग्रवाल ने बताया कि सीएम गहलोत से इस बार इंडस्ट्री के लिए अधिक रियायतें देने की मांग की जाएगी।
विधानसभा का सत्र 9 फरवरी से
राजस्थान में विधानसभा का सत्र 9 फरवरी से शुरू होगा। साल 2022-23 के बजट से पहले सीएम गहलोत उद्योग और व्यापार जगत से जुड़े प्रतिनिधियों के सुझाव लेंगे। शुक्रवार को होने वाली बैठक में सीएम और संबंधित विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव, वित्त-राजस्व सचिव,कमेटी सदस्य, संबंधित विभागों के अधिकारी और उद्यमी, व्यापार जगत के संगठनों के प्रतिनिधि बजट सुझावों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि बैठक में कोविड महामारी के दौर में समावेशी-संतुलित बजट देने, उद्योगों को राहत के साथ टैक्स कलेक्शन सुधारने, नए इंडस्ट्रियल एरिया जल्द शुरू करने, उद्यमियों, निवेशकों और व्यवसायियों के आवेदनों का उद्योग, रीको और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से तय समय में निपटारा करने, इंवेस्टमेंट प्रमोशन, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए नीतिगत मामलों पर भी चर्चा की जाएगी।
कृषि बजट अलग से पेश होगा
सीएम गहलोत ने पिछले साल बजट पेश करते हुए अलग से कृषि बजट पेश करने की घोषणा की थी। इस बार प्रदेश में पहली बार अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा। राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया किसानों के साथ बैठक कर सुझाव ले चुके हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि अलग से कृषि बजट पेश कर प्रदेश के किसानों को राहत दी जाएगी। गहलोत सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ही अलग से कृषि बजट पेश करने का निर्णय लिया है।