अगला बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है इसलिए मेरा सुझाव है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से संबंधित कर प्रावधानों में कुछ विसंगतियों और असमानताओं को दूर किया जाए ताकि इसे सभी के लिए उचित और बेहतर बनाया जा सके।
नई दिल्ली, बलवंत जैन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करने वाली हैं। मेरा सुझाव है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से संबंधित कर प्रावधानों में कुछ विसंगतियों और असमानताओं को दूर किया जाए ताकि इसे सभी के लिए उचित और बेहतर बनाया जा सके।
परिपक्वता आय के लिए कराधान प्रावधान
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जैसी योजनाएं वेतनभोगियों के लिए उपलब्ध हैं जबकि सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) योजना सभी के लिए अपनी सेवानिवृत्ति राशि जमा करने के लिए उपलब्ध है। EPF और PPF, दोनों योजनाओं के तहत, परिपक्वता आय पूरी तरह से कर मुक्त होती है जबकि NPS सब्सक्राइबर को अनिवार्य रूप से जमा हुई 40% राशि के लिए एक जीवन बीमा कंपनी से एन्युइटी खरीदनी होती है और उसके हाथों में केवल 60% राशि ही कर मुक्त तरीके से आती है।
मुझे लगता है कि केवल एनपीएस ग्राहक को एन्युइटी खरीदने के लिए मजबूर करना अनुचित है जबकि ईपीएफ और पीपीएफ ग्राहक को अपना पैसा कहां निवेश करना है, इस बारे में पूर्ण विवेकाधिकार दिया गया है। एक व्यक्ति जिसने अपने 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं, उसकी परिपक्वता अधिक है और उससे यह आशा की जा सकती है कि वह अपने सेवानिवृत्ति के पैसे को बुद्धिमानी से निवेश करेगा, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि उसके पास यही सब कुछ है। इसलिए सरकार को तीनों योजनाओं यानी ईपीएफ, पीपीएफ और एनपीएस की परिपक्वता आय के लिए कर सुधार करना चाहिए। और, क्योंकि ईपीएफ के तहत परिपक्वता आय के हिस्से पर कर लगाने के सरकार के प्रयास का बहुत विरोध किया गया था और आखिर में 2016 के बजट में वापस ले लिया गया था, तो अब सभी तीन योजनाओं के कराधान को सममूल्य पर लाने का एकमात्र तरीका एनपीएस की परिपक्वता आय को पूरी तरह से कर-मुक्त बनाना है।
एक उद्योग के रूप में म्यूचुअल फंड के विकास और सेबी द्वारा सख्त नियमों तथा निगरानी के साथ म्यूचुअल फंड निवेश अपेक्षाकृत सुरक्षित हो गया है। सरकार को एनपीएस अभिदाताओं को परिपक्वता राशि को अपनी पसंद के उत्पादों में निवेश करने की पूर्ण स्वतंत्रता देनी चाहिए, जिसमें धन की पूरी निकासी पर प्रतिबंध भी शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संपूर्ण कोष जोखिम में न डाला जाए। यह ईपीएफ अभिदाताओं पर भी लागू होना चाहिए।
एनपीएस के टियर II खाते से निकासी के लिए कर प्रावधान
एक सब्सक्राइबर के पास दो एनपीएस खाते हो सकते हैं- टीयर I, जो उचित एनपीएस खाता है और अनिवार्य है तथा टीयर II खाता, जो वैकल्पिक है। आप या तो अपने टियर II खाते से जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं या आप इसे टियर I खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं।
वर्तमान में टियर I खाते से निकासी पर कराधान नियम स्पष्ट हैं लेकिन टियर II खाते से निकासी/स्थानांतरण के लिए कराधान के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। चूंकि, एनपीएस निवेश एक म्यूचुअल फंड उत्पाद नहीं है, जिसके लिए सटीक नियम मौजूद हैं, ऐसे में टियर II निकासी/स्थानांतरण के कराधान के बारे में आम जनता के मन में भारी भ्रम है। इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या इसे इक्विटी उत्पाद के रूप में माना जा सकता है और इस प्रकार यदि सब्सक्राइबर ने 75% या अधिक इक्विटी घटक का विकल्प चुना है तो करों की रियायती दर का हकदार है या नहीं। सरकार को इस बजट में टियर II खाते से निकासी पर कराधान के नियम लाने चाहिए ताकि पूरी तरह से स्पष्टता आ सके।
कर लाभ का विस्तार
धारा 80सी के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने टियर II एनपीएस खाते में तीन साल के लॉक इन वाले योगदान के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती का दावा करने के पात्र हैं। मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि यह लाभ केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ही क्यों दिया जाता है, सभी करदाताओं को नहीं दिया जाता है। सभी एनपीएस ग्राहकों को एनपीएस टियर II खाते में किए गए योगदान के लिए कर लाभ की अनुमति दी जानी चाहिए, विशेष रूप से जब टियर II खाता आपको ईएलएसएस की तुलना में कम जोखिम वाला उत्पाद प्रदान करता है, उसी अवधि के अन्य उत्पाद के मुकाबले।
नियोक्ता के योगदान के लिए कर लाभ की एकरूपता
पात्र वेतन में नियोक्ता के 14% तक के योगदान के संबंध में केंद्र सरकार के कर्मचारी धारा 80 सीसीडी (2) के तहत कर कटौती के पात्र हैं, जबकि अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के लिए यह वेतन के 10% पर सीमित है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस तरह के अनुचित पक्ष का कोई औचित्य नहीं है। सभी कर्मचारियों के लिए इसे समान बनाने के लिए नियोक्ता के योगदान के लिए अन्य कर्मचारियों के लिए सीमा को भी 14% तक बढ़ाया जाना चाहिए।
मुझे यकीन है कि सरकार एनपीएस को सभी श्रेणी के लिए न्यायसंगत और निष्पक्ष बनाने के लिए इन विसंगतियों को दूर करने के लिए संशोधन पेश करेगी।