LIC IPO Update: निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि एलआईसी की विनिवेश राशि इस साल के बजट में शामिल है क्योंकि हमारा इसे 31 मार्च से पहले लिस्टेड कराने का लक्ष्य है.
LIC IPO Update: सरकार देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी को मार्च आखिर में शेयर बाजार में लिस्टेड कराएगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर ब्रॉशर (विवरण पुस्तिका) को आखिरी रूप दिया जा रहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक जल्दी ही इसे बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) के पास जमा कराया जाएगा. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि एलआईसी की विनिवेश राशि इस साल के बजट में शामिल है क्योंकि हमारा इसे 31 मार्च से पहले लिस्टेड कराने का लक्ष्य है.
विनिवेश लक्ष्य में एलआईसी का आईपीओ है खास
खबर के मुताबिक, सरकार के लिए विनिवेश लक्ष्य हासिल करने को लेकर एलआईसी का आईपीओ काफी महत्वपूर्ण है. वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये है. पिछले वित्त वर्ष में विनिवेश से 32,835 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. चालू वित्त वर्ष में अबतक सार्वजनिक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 9,330 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.
Read more:IPO news : दो और आइपीओ देंगे बाजार में दस्तक, जानिए क्या है कंपनी की योजना
10 प्रतिशत शेयर एलआईसी पॉलिसीहोल्डर के लिए रिजर्व
खबर के मुताबिक, एलआईसी (Life Insurance Corporation of India) के जुलाई-सितंबर 2021 के वित्तीय आंकड़े को आखिरी रूप दिया जा रहा है. साथ ही फंड बंटवारे की प्रक्रिया भी जारी है. अगर आपने एलआईसी की पॉलिसी ले रखी है तो आपके लिए आईपीओ (IPO) में पैसे लगाने के मौके ज्यादा बन सकते हैं. दरअसल, 10 प्रतिशत शेयर एलआईसी पॉलिसीहोल्डर के लिए रिजर्व रखने का प्रावधान किया गया है.
Read more:ड्रीमफोक्स ने आईपीओ के लिए सेबी के पास फाइल की DRHP, निवेशकों को इन बातों का रखना होगा ख्याल
10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति
सरकार ने एलआईसी के आरंभिक निर्गम (LIC IPO) को संपन्न कराने के लिए बीते सितंबर में 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की थी. इनमें गोल्डमैन सैश, सिटीग्रुप और नोमुरा भी शामिल हैं. वहीं कानूनी सलाहकार के तौर पर सिरिल अमरचंद मंगलदास को नामित किया गया था. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गत वर्ष जुलाई में एलआईसी के विनिवेश को मंजूरी दी थी. इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है.