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मध्य प्रदेश

मप्र में नई स्टार्टअप पालिसी बनेगी, 100 करोड़ का होगा वेंचर एडवेंचर कैपिटल फंड

भोपाल, जेएनएन। मध्यप्रदेश में नई स्टार्टअप नीति बनेगी। साथ ही स्टार्टअप इको सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए वेंचर एडवेंचर कैपिटल फंड इकट्ठा किया जाएगा जो करीब 100 करोड़ रुपये होगा। इस फंड से स्टार्टअप बच्चों और युवाओं को मदद मिलेगी। यह कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। वह शनिवार को मैनिट के ई-सेल द्वारा आयोजित स्टार्क एक्सपो के वर्चुअल लान्च पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय इस स्टार्क एक्सपो में हर वर्ग के लोग भाग ले रहे हैं। इसलिए वे इस मंच से कहना चाहते हैं कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनानी है। इसे हर क्षेत्र में योगदान देना होगा। जिसमें स्टार्टअप बेहद अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर समिट का आयोजन जल्द ही पूरी तैयारी के साथ किया जाएगा। वहीं इंदौर को स्टार्टअप्स की राजधानी बनाया जाएगा। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैनिट का छह दशकों का गौरवशाली इतिहास है। जब मैं छात्र था तब से MANIT बहुत आया और जाता था। मैनिट ने एक ई-सेल स्थापित किया है। इस प्रकोष्ठ के गठन का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों की नई फौज तैयार करना है। जिसके पास आगे बढ़ने का विचार, दृष्टि, क्षमता और उत्साह है। उन्होंने कहा कि वह इस आयोजन में शामिल सभी 17 से 25 साल के युवाओं का स्टार्टअप के लिए आगे आने का स्वागत करते हैं और निवेशकों को भी धन्यवाद।

इंदौर में युवाओं ने शुरू किए 800 करोड़ तक के स्टार्टअप

मुख्यमंत्री शिवराज ने इंदौर के युवाओं द्वारा स्थापित स्टार्टअप की सराहना करते हुए कहा कि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देखकर वह हैरान हैं। उनका स्टार्टअप कमाल कर रहा है। कोई 700-800 करोड़ रुपये और कोई दो हजार करोड़ रुपये स्टार्टअप कंपनी बन गए हैं। जब इंदौर कर सकता है तो राज्य के अन्य क्षेत्रों के बच्चे भी ऐसा कर सकते हैं और करना ही होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि इस साल कम से कम दो लोगों को यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा मिले और इसके लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मध्य प्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं और इसमें से 40 प्रतिशत स्टार्टअप बेटियों और बहनों द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के लिए इनोवेट का मंत्र दिया है। इसके परिणामस्वरूप 2014-15 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत को 81वां स्थान मिला है। अब हम 46वें नंबर पर आ गए हैं।

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