Asias Richest Person Gautam Adani छोटे से कमोडिटी ट्रेडिंग व्यवसाय को बंदरगाहों खदानों और हरित ऊर्जा तक फैले एक समूह में बदलने वाले भारतीय अरबपति गौतम अडानी अब एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में वह 10वें स्थान पर हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। छोटे से कमोडिटी ट्रेडिंग व्यवसाय को बंदरगाहों, खदानों और हरित ऊर्जा तक फैले एक समूह में बदलने वाले भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) अब एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति (Asia’s Richest Person) बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, गौतम अडानी की कुल संपत्ति सोमवार को 88.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के 87.9 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। अपनी निजी संपत्ति में लगभग 12 अरब डॉलर की छलांग के साथ अडानी इस साल दुनिया के सबसे ज्यादा वेल्थ गेनर के तौर पर उभरे हैं।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaire’s Index) में गौतम अडानी 10वें और मुकेश अंबानी उनके ठीक नीचे 11वें नंबर पर हैं। इसमें पहले नंबर पर एलन मस्क ($235B), दूसरे नंबर पर जेफ बेजोस ($183B), तीसरे नंबर पर बर्नार्ड अरनॉल्ट ($168B), चौथे नंबर पर बिल गेट्स ($129B), पांचवें नंबर पर लैरी पेज ($124B), छठें नंबर पर सर्गी ब्रिन ($119B), सातवें नंबर वॉरेन बफेट ($115B), आठवें नंबर पर स्टीव बाल्मर ($108B) और नौवें नंबर पर लैरी एलिसन ($99.5B) हैं।
अडानी समूह के कुछ सूचीबद्ध शेयरों में पिछले दो वर्षों में 600% से अधिक की वृद्धि देखी गई है, जो हरित ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उनके आने से हुई है। बता दें कि भारत 2.9 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और 2070 तक भारत के कार्बन शुद्ध-शून्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है। ऐसे में बड़े व्यापारियों का हरित ऊर्जा के क्षेत्र पर काफी ध्यान है।
वहीं, साल 2020 मुंकेश अंबानी के नाम रहा था। इस दौरान उनके तेल से लेकर पेट्रोकेमिकल्स तक फैले समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने प्रौद्योगिकी के समर्थन से अरबों डॉलर की संपत्ति बनाई लेकिन इसके बाद समय बदला और अडानी की कमाई में बड़ा इजाफा हुआ।
दोनों भारतीय अरबपति, फोसिल फ्यूल या कोयले के व्यापार से अपना साम्राज्य बनाया है, अब हरित ऊर्जा परियोजनाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अंबानी ने अक्षय ऊर्जा में 76 अरब डॉलर खर्च करने की एक बड़ी योजना के हिस्से के रूप में अगले तीन वर्षों में 10 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं, अडानी ने अपने समूह को दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय-ऊर्जा उत्पादक बनाने में मदद करने के लिए 2030 तक कुल 70 बिलियन डॉलर का निवेश करने का वादा किया है।