पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने बिहार (Bihar) के अलग-अलग जिलों के जजों को काम करने से रोक दिया है. वहीं इन्हें न्यायिक व प्रशासनिक शक्तियों से वंचित कर दिया गया है.
- बिहार में पटना हाई कोर्ट की बहुत बड़ी कार्रवाई
- 7 जिला जजों को काम से रोका, सुनवाई पर भी रोक
- न्यायपालिका और प्रशासनिक शक्ति छीनने का निर्देश
पटना: पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने विभिन्न जिला अदालतों के सात न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस मामले में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरुण कुमार ने 8 फरवरी, 2022 को खगड़िया, मधुबनी, कटिहार, बांका, पटना, रोहतास और मुजफ्फरपुर के जिला और सत्र न्यायाधीशों को पत्र जारी कर उन न्यायाधीशों से न्यायपालिका और प्रशासनिक शक्ति छीनने का निर्देश दिया है.
इन माननीयों के खिलाफ कार्रवाई
परिवार न्यायालय खगड़िया के प्रधान जस्टिस राज कुमार-11, झंझारपुर स्थित मधुबनी अदालत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) इशरतुल्ला, कटिहार के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के सचिव विपुल कुमार, पटना के एडीजे शत्रुघ्न सिंह, रोहतास के एडीजे परिमल कुमार और मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सतीश चंद्र के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
बुधवार से इन सभी 7 जजों को सारी न्यायिक तथा प्रशासनिक शक्तियों से वंचित कर दिया गया है. पटना हाई कोर्ट ने इन न्यायपालिका अधिकारियों के खिलाफ अनियमितताओं का पता लगाया है. आदेश में फिलहाल इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है.
पटना हाईकोर्ट में फिजिकल सुनवाई
एक ओर सात जजों को पर न्यायित सुनवाई के लिए रोक लगा दी गई है. वहीं राज्य के सभी न्यायालयों में जल्द ही कामकाज सामान्य तौर पर शुरू होने की संभावना है. पटना हाई कोर्ट में 21 फरवरी से फिजिकल सुनवाई होगी कोरोना की तीसरी लहर की वजह से पिछले चार महीने से यहां आनलाइन सुनवाई हो रही थी. कोर्ट में सप्ताह में चार दिन फिजिकल सुनवाई की जाएगी, जबकि एक दिन वर्चुअल सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये होगी.