Statue of Equality: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हैदराबाद में पिछले दिनों स्थापित “स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी” के चीन में बने (Made in China) होने का दावा किया और सवाल किया कि क्या “न्यू इंडिया” “चाइना-निर्भर’ है
Statue of Equality: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हैदराबाद में पिछले दिनों स्थापित “स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी” के चीन में बने (Made in China) होने का दावा किया और सवाल किया कि क्या “न्यू इंडिया” “चाइना-निर्भर’ है. उन्होंने ट्वीट किया, “स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी मेड इन चाइना है. “न्यू इंडिया” चाइना-निर्भर है?’ बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गयी ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ का पिछले शनिवार को अनावरण कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया था. यह प्रतिमा ‘पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है.
.आपकी जानकारी के लिए बता दें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है कि जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य की विशाल मूर्ति को चीन में बनाया गया है और 1600 टुकड़ों को भारत में लाकर इंस्टॉल किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में इस मूर्ति को बनाने का टेंडर निकाला गया था, जिसमें भारतीय कंपनियों ने भी अप्लाई किया था, लेकिन इसे एक चीनी कंपनी को दिया गया था. इसकी लागत 135 करोड़ रुपये बताई गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को दुनिया को यह विशाल प्रतिमा समर्पित की थी, जो विश्वास, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता को बढ़ावा देने वाले रामानुजाचार्य की शिक्षाओं को याद करती है. मूर्ति ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं : सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की स्थिति में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है. मूर्ति को 54 फीट ऊंचे आधार भवन पर रखा गया है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है. यहां वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथों, एक थिएटर, एक शैक्षिक गैलरी के लिए समर्पित फर्श हैं, जिसमें रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण है.