Maharashtra Politics संजय राउत ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने में उनकी सहायता करें। वे चाहते थे कि मैं इस तरह के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके।
मुंबई, प्रेट्र। शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है, जिसमें दावा किया कि उनसे कुछ लोगों ने संपर्क किया था, जिन्होंने उनसे महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने में सहायता करने के लिए कहा था, ताकि मध्यावधि चुनाव कराए जा सकें। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। वह झुकेंगे नहीं और सच बोलना जारी रखेंगे। उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) व अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है। नायडू को लिखे पत्र में राउत ने कहा कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां शिवसेना नेताओं को व्यवस्थित रूप से लक्षित कर रही थीं, जब पार्टी ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में (एमवीए) सरकार बनाई थी। राउत ने नायडू से सत्ता के दुरुपयोग व राज्यसभा सदस्यों के कथित उत्पीड़न पर ध्यान देने का अनुरोध किया, और कहा कि उपराष्ट्रपति को भी बोलना चाहिए और इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए। राउत ने कहा कि वह न तो डरे हैं हैं और न झुकेंगे और सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह सच बोलना जारी रखेंगे। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने मंगलवार को नायडू को पत्र लिखा और इसकी प्रतियां कांग्रेस के राहुल गांधी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार जैसे नेताओं को भी भेजीं।
ईडी के जरिए मुझे फंसाने की हो रही है कोशिशः संजय राउत
बुधवार को दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राउत ने कहा कि पत्र सिर्फ एक ट्रेलर है और वह इस बात का पर्दाफाश करेंगे कि कैसे (कुछ) ईडी के लोग कथित तौर पर ‘भाजपा का आपराधिक सिंडिकेट’ चला रहे थे।
उनके मुताबिक, लगभग एक महीने पहले कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने में उनकी सहायता करें। वे चाहते थे कि मैं इस तरह के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं, ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके। राउत ने कहा कि उन्होंने गुप्त एजेंडे का हिस्सा बनने से इन्कार कर दिया, और दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि उनके इन्कार से उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। शिवसेना नेता ने दावा किया कि उन्हें यहां तक कहा गया था कि उनकी किस्मत एक पूर्व रेल मंत्री की तरह हो सकती है, जिन्होंने कई साल जेल में बिताए। मुझे यहां तक चेतावनी दी गई थी कि मेरे अलावा, महाराष्ट्र कैबिनेट में दो अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को भी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा, जिससे महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं, जिसमें सभी महत्वपूर्ण हैं। राज्य के नेता सलाखों के पीछे हैं।