Technology for MSMEs: निजी सेक्टर के दिग्गज बैंक ICICI Bank ने इंस्टाबिज की सेवाओं को और व्यापक कर दिया है.
Technology for MSMEs: निजी सेक्टर के दिग्गज बैंक ICICI Bank ने इंस्टाबिज की सेवाओं को और व्यापक कर दिया है. एमएसएमई-फोकस्ड डिजिटल बैंकिंग ऐप InstaBIZ का इस्तेमाल करने के लिए अब आईसीआईसीआई बैंक में खाता होना जरूरी नहीं है. बैंक ने बुधवार (09 फरवरी) को जानकारी दी कि अब यह इंटरऑपरेबल है यानी कि दुकानदार का खाता किसी भी बैंक में हो, इस प्लेटफॉर्म पर लिंक किया जा सकेगा.
ग्रॉसरी शॉप्स, सुपरमार्केट्स, रेस्तरां, स्टेशनरी स्टोर्स व फॉर्मेसी के मालिकों और डॉक्टर व वकीलों जैसे प्रोफेशनल अपनी ऐप पर यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड क्रिएट कर सकते हैं और इसके जरिए ग्राहकों से पेमेंट ले सकते हैं. बैंक ने कहा कि प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) डिवाइस और वाइस मैसेजिंग डिवाइस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वाइस मैसेजिंग डिवाइस के जरिए पेमेंट मिला या नहीं, इसकी पुष्टि होती है. बैंक ने इस ऐप को जुलाई 2019 में लॉन्च किया था जिसके जरिए एमएसएमईज बैंकिंग प्रोडक्ट्स व सर्विसेज की सुविधाएं ले सकते हैं.
ऑनलाइन मिल जाएगी इंटरऑपरेबिलिटी की सुविधा
बैंक ने जानकारी दी है कि इंटरऑपरेबिलिटी की सुविधा हासिल करने के लिए मर्चेंट्स को बैंक की किसी शाखा आने की जरूरत नहीं और न ही कोई डॉक्यूमेंट को अपलोड करने की जरूरत है बल्कि इसके लिए ऑनलाइन केवाईसी प्रोसेस पूरा करना होगा. इसके लिए बैंक के एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का इस्तेमाल होगा जो ऑनलाइन पैन या आधार को वैलिडेट करेगा जो केवाईसी के वेरिफिकेशन के लिए जरूरी होगा.
InstaBIZ और ऑनलाइन फीचर्स ने मजबूत किया लोनबुक
इंस्टाबिज के जरिए एमएसएमईज 15 लाख रुपये तक का ओवरड्राफ्ट सुविधा हासिल कर सकते हैं. ऑनलाइन बल्क में पेमेंट ले सकते हैं, कलेक्ट कर सकते हैं, ऑटोमैटिक बैंक से खाते का मिलान कर सकते हैं. इंस्टाबिज और मर्चेंट स्टॉक, ट्रेड ऑनलाइन व ईजीसाइन जैसी अन्य डिजिटल कोशिशों के दम पर बैंक का एसएमई लोन पोर्टफोलियो सालाना आधार पर दिसंबर तिमाही में 34.2 फीसदी और तिमाही आधार पर 9.7 फीसदी बढ़कर 36353 करोड़ रुपये हो गया. बैंक का बिजनेस लोन का औसत टिकट साइज 1-1.5 करोड़ रुपये रहा. आईसीआईसीआई बैंक के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर अनूप बागची ने जानकारी एमएसएमई सेग्मेंट का बड़ा हिस्सा रिटेल मर्चेंट्स का है और इसके जरिए देश भर के करीब दो करोड़ दुकानदारों को सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.