WB post-poll violence झाड़ग्राम जिले में भाजपा किसान मोर्चा मंडल के सचिव किशोर मंडी की हत्या मामले में फरार हैं तीनों – इससे पहले चार मामलों में 11 फरार आरोपितों के खिलाफ हो चुकी है इनाम की घोषणा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई हिंसा में भाजपा नेता की हत्या के एक और मामले में तीन फरार आरोपितों पर 50- 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। कोलकाता में सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा की ओर से बुधवार को एक बयान में बताया गया है कि यह मामला झाड़ग्राम जिले के बिनपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा किसान मोर्चा मंडल के सचिव किशोर मंडी की हत्या से जुड़ा है।
सीबीआइ के अनुसार, इस मामले में फरार तीन आरोपित व्यक्ति देबेन सरेन, राजकिशोर महता व हरेकृष्ण महता हैं। प्रत्येक के खिलाफ 50,000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया है, जो उनके बारे में सूचना देगा।उनकी सूचना देने वाले मुखबिर की पहचान गुप्त रखी जाएगी।तीनों आरोपित झाड़ग्राम के ही रहने वाले हैं। सीबीआइ ने इन फरार आरोपितों के बारे में जानकारी होने पर फोन या ईमेल के माध्यम से देने का अनुरोध किया है।इससे पहले तीनों आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत ने पूर्व में गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।साथ ही उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है।
बता दें कि सीबीआइ इससे पहले हाल में चार अलग-अलग मामलों में 11 फरार आरोपितों के खिलाफ इनाम की घोषणा कर चुकी है। सबसे पहले 28 जनवरी को जांच एजेंसी ने कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में फरार पांच आरोपितों के खिलाफ 50- 50 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी। पिछले साल दो मई को चुनाव नतीजे के दिन अभिजीत की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी। 19 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर मामलों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ हिंसा मामले की जांच कर रही है।सीबीआइ के अनुसार, चुनाव बाद हिंसा के आरोप में अलग-अलग मामलों में 50 से ज्यादा आरोपित अब तक फरार हैं।
बंगाल में बड़े पैमाने पर हुई थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई 2021 में आए चुनाव नतीजों के बाद बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। सीबीआइ कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर चुनाव बाद हिंसा की जांच कर रही है। इसमें हत्या, दुष्कर्म, आगजनी व तोडफ़ोड़ की घटनाएं हुई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। हिंसा का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर है।