भले ही कलियुग को पापियों का युग माना जाए लेकिन इस युग में भी भगवान विष्णु अवतार लेंगे. उनके जन्म का समय भी निश्चित हो चुका है.
- कलियुग में होगा कल्कि अवतार
- सावन महीने में होगा श्री हरि का कल्कि रूप में जन्म
- जानें कैसे होंगी ग्रह-नक्षत्र की दशाएं
नई दिल्ली: हिंदू धर्म-शास्त्रों में भगवानों के अवतार लेने की कई घटनाएं बताई गईं हैं. इनके अनुसार जब-जब धरती पर पाप बढ़ा है या प्राणियों पर कोई मुसीबत आई है, भगवान ने उन्हें बचाने के लिए अवतार लिया है. कभी ये अवतार भगवान ने मानव के रूप में जन्म लेकर लिए हैं तो कभी अन्य रूपों में. भगवान विष्णु ने भी अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई अवतार लिए हैं. शास्त्रों के मुताबिक कलियुग में भी भगवान विष्णु अवतार लेंगे.
कल्कि रूप में होगा अवतार
ऋग्वेद के मुताबिक कालचक्र 4 युगों में चलता है. ये युग हैं सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग. वर्तमान में कलियुग चल रहा है. इसी कलियुग में श्री हरी विष्णु कल्कि अवतार लेंगे. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब-जब पृथ्वी पर पाप और पापियों का अत्याचार बड़ा है तब-तब पृथ्वी पर भगवान श्री हरी विष्णु ने अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचारियों के आतंक से मुक्ति दिलाई है. हर युग में भगवान विष्णु ने अलग अलग अवतार लेकर लोगों को ज्ञान और मर्यादा का पाठ पढ़ाया है. धार्मिक पुराणों में भगवान विष्णु के सतयुग से लेकर कलयुग तक में कुल 24 अवतारों के बारे में बताया गया है. इनमें से 23 अवतार हो चुके हैं और आखिरी एक कल्कि अवतार कलियुग में होना बाकी है.
कब होगा कल्कि अवतार
24 वे अवतार के बारे में पुराणों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु का यह अवतार भगवान कलयुग और सतयुग के संधि काल में होगा. यानी कि जब कलियुग खत्म हो रहा होगा और सतयुग का प्रारंभ होने वाला होगा. पुराणों के मुताबिक भगवान विष्णु का ये अवतार सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को होगा. इसलिए हर साल इस तिथि पर कल्कि जयंती भी मनाई जाती है. भगवान कल्कि के जन्म के समय गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में होंगे और भगवान के जन्म के साथ ही सतयुग की शुरुआत होगी. बात दें कि भगवान कृष्ण के बैकुंठ वापस जाने के बाद कलियुग शुरू हुआ था.
श्रीमद्भागवत के मुताबिक भगवान विष्णु का कल्कि अवतार 64 कलाओं से पूर्ण होगा. भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होंगे और पापियों का नाश करके पृथ्वी पर फिर से धर्म की स्थापना करेंगे.