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LIC ने बीमा के इस सेगमेंट में उठाया बड़ा नुकसान, ब्रोकरेज हाउस ने दी रिपोर्ट

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस डाइवर्जेंट ग्रोथ ट्रेंड ने पिछले 2 साल में निजी क्षेत्र को LIC से 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी खुदरा क्षेत्र में संघर्ष कर रही है।

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने पिछले 2 साल में LIC की 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी ले ली है। 2 साल के CAGR आधार पर YTDFY22 में निजी जीवन बीमा कंपनियों के लिए रिटेल वेटेड रिसीव्‍ड प्रीमियम (RWRP) की ग्रोथ 10.2 प्रतिशत रही है और LIC के लिए (-) 6.6 प्रतिशत है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस डाइवर्जेंट ग्रोथ ट्रेंड ने पिछले 2 साल में निजी क्षेत्र को LIC से 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी खुदरा क्षेत्र में संघर्ष कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 21 में रिबाउंड के बाद दिसंबर 21 में खुदरा क्षेत्र में एलआईसी की ग्रोथ धीमी हो गई और निजी क्षेत्र की तुलना में कम थी। इसका मतलब है कि वह खुदरा क्षेत्र में लगातार बाजार हिस्सेदारी खो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों से कारोबार के पुराने तरीके से एलआईसी खुदरा जीवन सेगमेंट में अपनी बादशाहत खो सकती है, खासकर High Ticket सेगमेंट में। एलआईसी एजेंसी के नेतृत्‍व वाले डिस्ट्रिब्‍यूशन सिस्‍टम पर निर्भरता के चलते मुश्किल का सामना कर सकती है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप 4 निजी कंपनियों (एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रू और मैक्स लाइफ) की ग्रोथ का मतलब है कि इन चारों की RWRP बाजार हिस्सेदारी ने दिसंबर 2021 में फिर से YTD FY 22 में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी को पार कर लिया है। मजबूत ग्रोथ को बनाए रखते हुए दिसंबर 21 में निजी बीमा कंपनियों के RWRP में 29.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

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रिपोर्ट के मुताबिक निजी कंपनियों के लिए ग्रोथ काफी हद तक टिकट आकार में बढ़ोतरी सा प्रतीत होता है। क्योंकि दिसंबर 21 में नई खुदरा नीति की संख्या में सिर्फ 13.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर 21 में एलआईसी के आरडब्ल्यूआरपी में सालाना आधार पर 6.2 फीसदी और वाईटीडी वित्त वर्ष 22 में 5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। LIC के लिए व्यक्तिगत पॉलिसी की संख्या YTD FY22 के लिए सालाना 9.7 प्रतिशत बढ़ी। 2 साल के आधार पर निजी क्षेत्र ने 10.6 प्रतिशत CAGR दिया जबकि एलआईसी के RWRP में 3 प्रतिशत CAGR की गिरावट आई।

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